बेंगलुरु
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया. उन्होंने अल्पसंख्यक छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति और वक्फ संपत्तियों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए. सिद्धारमैया सरकार ने बजट में ईसाई समुदाय के लिए ₹200 करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान किया है. इसके अलावा ₹10 करोड़ की लागत से मंगलुरु में भव्य हज भवन बनाने का भी ऐलान बजट में किया गया है.
भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए सिद्धारमैया के बजट भाषण का बहिष्कार किया. भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने बजट भाषण में कहा कि उनकी सरकार ने वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, दुकानों और कार्यालयों में 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा का उपयोग करना अनिवार्य किया है. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक की आधिकारिक भाषा होने के नाते, राज्य के सभी कार्यालयों, दुकानों और विभिन्न वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में भाषा का उपयोग सख्ती से करने के लिए एक अधिनियम लागू किया जाएगा'.
अल्पसंख्यकों के लिए 393 करोड़ रुपये की लागत से चलेंगे कई कार्यक्रम
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से धन का उचित हिस्सा नहीं मिलने के कारण कर्नाटक को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. उन्होंने रेवेन्यू डेफिसिट वाला बजट पेश किया और इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने आगे दावा किया कि बीजेपी शासित कई सरकारें भी अन्याय का सामना कर रही हैं, लेकिन वे केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रही हैं. सिद्धारमैया ने कहा कि 'मौलवियों' और 'मुत्तवल्लियों' के वर्कशॉप कर्नाटक वक्फ बोर्ड के साथ पंजीकृत किए जाएंगे. अल्पसंख्यक विकास निगम के माध्यम से 393 करोड़ रुपये की लागत से कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
कर्नाटक के बजट में उल्लेख किया गया है कि राज्य में स्थित स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनका रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किया जाता है. सिद्धारमैया के बजट बुक के कवर पेज पर संविधान की प्रस्तावना की तस्वीर थी. पीला और लाल रंग वाला कन्नड़ ध्वज बना था. बजट बुक के बैक कवर पर कर्नाटक विधानसभा की तस्वीर थी, जिसके ऊपर तिरंगा लहरा रहा था. सीएम सिद्दारमैया ने बौद्ध धर्मग्रंथ ‘त्रिपिटक’ का कन्नड़ में अनुवाद कराने की भी घोषणा की. बजट में इसके लिए भी अलग से फंड की व्यवस्था की गई है.
कर्नाटक में 7.50 करोड़ रुपये की लागत से 50 संजीवनी कैफे खोले जाएंगे
वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए सिद्दारमैया ने कहा कि 7.50 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश भर में महिलाओं द्वारा संचालित 50 कैफे खोले जाएंगे. इसका नाम ‘कैफे संजीवनी’ होगा. सिद्दारमैया ने अपने बजट भाषण में कहा की कांग्रेस की ‘5 गारंटियों' के तहत करोड़ों लोगों के हाथों में 52,000 करोड़ रुपये दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के हर परिवार को प्रति वर्ष औसतन 50,000 से 55,000 हजार का लाभ प्राप्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस की गारंटी चुनावी हथकंडा नहीं, बल्कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान प्राप्त फीडबैक का परिणाम हैं'.