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भागवत कथा जब भी सुने भाव से सुने

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रायपुर

जब हम भागवत की कथा सुनते हैं तो हमारा जीवन सार्थक हो जाता है। भागवत की कथा से हमें क्या प्राप्त होना चाहिए, जब हम भागवत कथा सुने तो हमारा मन पूरी तरह से कृष्ण मय हो जाना चाहिए और हमें कृष्ण मिल जाए इस भाव से हमें भागवत कथा सुननी चाहिए। संसार का सुख न चाहने पर हमें दुख मिल जाए और दुख न चाहने पर हमें सुख मिल जाए तो क्या होगा। जैसे बिना चाहे व्यक्ति को दुख प्राप्त होता है वैसे ही बिना दुख चाहे व्यक्ति को सुख भी प्राप्त होता है। संसार का भय मृत्यु है। इसी में पूरा जीवन गुजर जाता है कि न जाने कब मौत आ जाए?

हिंद स्पोर्टिंग मैदान लाखेनगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा सत्संग में संत राजीव नयन महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि भक्ति को बढ़ाने और कृष्ण को प्राप्त करने वाली कथा सुननी चाहिए। सावधान का अर्थ है, स का मतलब जब भी आप भागवत कथा सुनने आए तो सरल होकर भागवत की कथा सुने, कितनी भी आपको जानकारी हो लेकिन हमें सरल होकर सुननी चाहिए। व शब्द का अर्थ है भागवत कथा वानरों के लिए लिखी गई है। ध शब्द का अर्थ है श्रवण ही नहीं करना है हमें उसे धारण भी करना है।

न का मतलब एक भागवत कथा अगर जीवन में उतार लिया तो जीवन में दूसरी भागवत कथा कराने की जरुरत नहीं पड़ेगी। कालरुपी सर्प से बचने का एक मात्र उपाय है भागवत कथा सुनो और दूसरा कोई साधन नहीं है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान शिव ने परिक्षित को भागवत की कथा सुनाया, जब वह कथा सुना ही रहे थे तो उसी समय देवता लोग आ गए। देवता भी तरसते हैं श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का पुण्य जीवन काल में जिस मनुष्य को मिल गया उसका जीवन भी धन्य हो गया।

सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग बनाने की शनिवार की सुबह शुभ मुर्हूत में शुरूआत हुई। संत राजीव नयन महाराज एवं संजीव नयन महाराज ने शिवलिंग निर्माण और उसकी महत्ता को प्रतिपादित किया। यह क्रमश: हर दिन चलेगा।

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