रायपुर
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में घोषणा की कि 33 हजार स्कूली शिक्षकों की भर्ती में छत्तीसगढ़ी में एमए उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की भी भर्ती की जाएगी। प्रश्न काल में कांग्रेस के विधायक कुंवर निषाद ने यह मांग उठाई थी। उन्होंने कहा है 2008 में छत्तीसगढ़ी राजभाषा विधेयक पारित कर आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। प्रदेश में 2013 से छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई भी हो रही है।
कोर्स भी चल रहा है। क्या भर्ती में एमए छत्तीसगढ़ी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए भी पद होंगे? स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा की लिपि नहीं होने से दिक्कत है, हम हिंदी लिपि में ही पढ़ाई करवा रहे हैं। कक्षा 1-4 तक 25 प्रश पाठ्यक्रम छत्तीसगढ़ी का, 5-8 तक 30 प्रश और 9-12 वीं तक 15प्रश पाठ्यक्रम शामिल किया गया है इसे हिन्दी के ही शिक्षक पढ़ाते हैं। इसलिए अलग से शिक्षक जरूरी नहीं है। कुंवर निषाद ने कहा कि देश के सभी राज्यों में उनकी अपनी भाषा में पढ़ाई हो रही है। यहां भी एससीईआरटी ने तैयारी पूरी कर ली है बस सरकार के आदेश का इंतजार है। आदेश कर दें। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार तो छत्तीसगढ़ी ही नहीं सरगुजिया, हल्बी, गोंड़ी, बद्री जैसे लोकल घरों में बोली जाने वाली भाषाओं में पढ़ाई की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि एमए हिंदी के अभ्यर्थी जो 200-300 की संख्या में हैं उनके भी भर्ती में एडजस्ट कर लें। भाजपा के अनुज शर्मा ने कहा कि निषाद जी बहुत छत्तीसगढ़ी और राजभाषा करते रहे हैं पांच वर्ष तक राजभाषा आयोग में अध्यक्ष नहीं बना पाई आपकी सरकार। इस पर निषाद ने छत्तीसगढ़ के अलग अलग इलाकों में बोली जाने वाली बोलियों के उपयोग के आंकड़े पेश किए। मंत्री ने कहा कि यह भावनात्मक रूप से प्रश्न अच्छा है, आपकी मांग से मैं भी सहमत हूं। आप लोगों ने आत्मानंद स्कूल छत्तीसगढ़ी भाषा में क्यों नहीं खोले, अंग्रेजी में क्यों खोले। छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी की चिंता करने वाले पूर्व सीएम बैठे हैं। क्यों नहीं कर पाए। इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि बहुत से युवा छत्तीसगढ़ी में डिग्री ले चुके हैं, उनको भी अध्यापन का अवसर दिया जाना चाहिए। मंत्री अग्रवाल ने घोषणा की कि 33 हजार शिक्षकों में एमए छत्तीसगढ़ी वालों की भी भर्ती की जाएगी।