मुंबई
सस्ता सोना खरीदने की सॉवरेन गोल्ड बोल्ड स्कीम की नई सीरीज आज से शुरू हो गई है. Sovereign Gold Bond Series IV का पब्लिक इश्यू 16 फरवरी को बंद होगा. कम कीमत में गोल्ड में निवेश करके बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए ये एक शानदार मौका माना जा सकता है. इसमें सरकार ऑनलाइन खरीदारों के लिए मार्केट रेट से कुछ कम कीमत पर गोल्ड बॉन्ड्स की बिक्री करती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond) की चौथी किस्त का इश्यू प्राइस 6,263 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. अगर आप ऑनलाइन इसमें निवेश करते हैं तो 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट भी दी जाती है.
इसके जरिए निवेशक बिना फिजिकल गोल्ड खरीदे भी निवेश करक मुनाफा कमा सकते हैं. गोल्ड निवेशकों को इसमें डबल फायदा मिलता है. एक तो बॉन्ड की मैच्योरिटी के वक्त उन्हें मार्केट रेट के हिसाब से पैसा मिलता है और दूसरा इसमें सब्सक्राइबर्स को ढाई फीसदी का ब्याज भी ऑफर किया जाता है.
गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) सीरीज बनाएगी नया रिकॉर्ड!
अनुमान है कि ये 2023-24 की आखिरी गोल्ड बॉन्ड सीरीज हो सकती है. इस साल की इस चौथी स्कीम में Sovereign Gold Bond में निवेश का ऑल टाइम हाई का रिकॉर्ड भी टूट सकता है. इसके पहले 2020-21 में SGB में 32.4 टन गोल्ड का सब्सक्रिप्शन लिया गया था. अब 2023-24 में दिसंबर तक के 9 महीनों के दौरान SGB के जरिए 31.6 टन गोल्ड में सब्सक्रिप्शन लिया जा चुका है. ऐसे में अनुमान है कि फरवरी में SGB की नई किश्त के आते ही मौजूदा कारोबारी साल में 2020-21 का रिकॉर्ड टूट जाएगा. 2020-21 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ने की वजह कोविड-19 था.
कोविड-19 में सुपरहिट हुआ था SGB!
दरअसल, लॉकडाउन की वजह से काफी समय तक ज्वैलरी स्टोर्स बंद थे, लिहाजा गोल्ड की फिजिकल खरीदारी मुमकिन नहीं थी. वहीं नेट बैंकिंग के जरिए पेमेंट करके गोल्ड में SGB के जरिए ऑनलाइन निवेश करना आसान था. लेकिन 2022-23 में SGB में सब्सक्रिप्शन घटने से माना गया कि अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की चमक होने लगी है और कोविड-19 के दौरान ऑफलाइन बिक्री ना होने की वजह से ही इसमें निवेश बढ़ा था. लेकिन 2023-24 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम्स में रिकॉर्ड रकम आने से इन अटकलों पर विराम लगना तय है. मौजूदा कारोबारी साल में अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान SGB में सब्सक्रिप्शन अप्रैल-दिसंबर 2022 के मुकाबले 157 फीसदी बढ़ गया है. इससे भी इस संभावना को बल मिला है कि गोल्ड निवेश का ये तरीका लोगों को रास आ रहा है.
आयात की बचत करने में SGB मददगार
2015-16 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत होने के बाद से अबतक 134 टन से ज्यादा गोल्ड SGB के तहत बेचा गया है. ये एक पूरी तरह से फाइनेंशियल प्रॉडक्ट है जिसका मतलब है कि इतनी ही मात्रा में आयात की बचत हुई है. पिछले वित्त वर्ष में कमी के बाद इस साल सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को ज्यादा सफलता इसलिए भी मिल रही है क्योंकि SGB के तहत अब कम किश्तों यानी एक तिमाही में एक ही किश्त निकाली जा रही है. इसके अलावा हाल ही में मैच्योर हुए पहली किश्त के शानदार रिटर्न भी निवेशकों को इसमे पैसा लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. साथ ही अलग अलग चैनल्स के जरिए भी SGB को आक्रामक रूप से निवेशकों तक पहुंचाया जा रहा है.
SGB से मिला निवेशकों को बंपर मुनाफा
इनसे मिलने वाले रिटर्न पर भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगता है. पहली किश्त के जरिए लोगों को करीब 12.9 फीसदी सालाना रिटर्न मिला है जो बैंक FD के मुकाबले काफी ज्यादा है. 2015 में 2684 रुपये प्रति ग्राम पर SGB में निवेश का मौका मिला था. इसकी पहली किश्त की मैच्योरिटी के वक्त ये बढ़कर 6132 रुपये प्रति ग्राम पर पहुंच गया था. यानी 50 ग्राम सोना खरीदने के लिए 1,34,200 रुपये लगाने वाले को 8 साल बाद मैच्योरिटी के वक्त 3 लाख 6 हजार 600 रुपये मिले थे.
टैक्स बचाने में SGB मददगार
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज IV में निवेश के लिए इंवेस्टर्स स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, डेजिगनेटेड पोस्टऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई के माध्यम से भी SGB खरीद सकते हैं. एसजीबी की कीमत सब्सक्रिप्शन पीरियड से पहले हफ्ते के आखिरी तीन वर्किंग दिनों के लिए इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के जारी किए गए 999 शुद्धता वाले सोने के क्लोजिंग प्राइस के एवरेज के आधार पर तय की जाती है. ऑनलाइन सब्सक्राइब करने वाले निवेशकों को इसमें 50 रुपये की छूट भी मिलती है. SGB में डिफॉल्ट का कोई खतरा नहीं होता है क्योंकि इस पर सॉवरेन गारंटी मिलती है. वहीं लोन लेने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को Collateral के तौर पर गिरवी भी रखा जा सकता है.
कौन खरीद सकता है ये सोना?
केंद्रीय बैंक भारत सरकार की तरफ से गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond Scheme) जारी करता है. भारतीय निवासी, अविभाजित हिंदू परिवार (HUF), ट्रस्टों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्था ही इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश कर सकते हैं.
कितना मिल सकता है रिटर्न
2015 में जारी SGB की पहली सीरीज 2023 के अंत में मैच्योर हुई और इस दौरान 12.9 प्रतिशत का सालाना रिटर्न मिला. इसका मतलब है कि आठ साल के दौरान लोगों को पैसा डबल हो गया. वहीं इसकी तुलना में पिछले 20 वर्षों में पीली धातु का औसत रिटर्न 11.2 प्रतिशत रहा है. बता दें है कि अंतिम किश्त, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज 2023-24 सीरीज III, सदस्यता अवधि 18 दिसंबर को खुली और 22 दिसंबर, 2023 को बंद हुई. एसजीबी सीरीज III में जारी करने की तारीख 28 दिसंबर, 2023 थी.