नई दिल्ली
देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन पेमेंट कंपनी पेटीएम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के दो इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स ने रिजाइन दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक शिंजिनी कुमार और मंजू अग्रवाल ने कंपनी को बोर्ड से किनारा कर लिया है। कुमार इससे पहले सिटीबैंक, पीडब्ल्यूसी इंडिया और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच में काम कर चुकी हैं।
अग्रवाल ने 34 साल तक एसबीआई में विभिन्न पदों पर काम किया। वह डिप्टी एमडी पद से रिटायर हुईं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड में अब केवल तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर रह गए हैं। इनमें पंजाब एंड सिंध बैंक के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अरविंद कुमार जैन, एक्सेंचर के पूर्व एमडी पंकज वैश्य और डीपीआईआईटी के पूर्व सेक्रेटरी रमेश अभिषेक शामिल हैं। डायरेक्टर्स के इस्तीफे के बारे में भेजे ईमेल का बैंक ने जवाब नहीं दिया।
हाल में आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कई तरह की पांबदियां लगा दी थीं। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सभी सेवाओं पर एक तरह से मार्च से रोक लगा दी है। केवल ट्रांसफर और विड्रॉल की अनुमति होगी लेकिन आप 29 फरवरी से अपना वॉलेट या फास्टैग टॉप नहीं कर सकेंगे। साथ ही आप अपने अकाउंट में पैसा डिपॉजिट नहीं कर पाएंगे। इसके बाद से कंपनी के सीईओ विजय शेयर शर्मा काफी एक्टिव हो गए हैं।
हाल में उन्होंने फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण और आरबीआई के अधिकारियों के भी मुलाकात की है। साथ ही कंपनी ने कहा है कि वह कंप्लायंस और रेगुलेटरी मामलों को मजबूत करने के लिए सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अगुवाई में एक एडवाइजरी कमेटी का गठन करेगी।
पहले भी किया था आगाह
इस बीच आरबीआई का कहना है कि उसने 2021 में ही पेटीएम बैंक के बोर्ड को आगाह कर दिया था कि बैंक उसके नियमों का पालन नहीं कर रहा है। एक सूत्र ने टीओआई के बताया कि नवंबर-दिसंबर 2021 में ही आरबीआई के एक बड़े अधिकारी ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से केंद्रीय बैंक के नियमों का पालन करने को कहा था। इसके बाद 11 मार्च, 2022 को आरबीआई ने बैंक को नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था। पिछले साल 12 अक्टूबर को केवाईसी से जुड़े नियमों का पालन नहीं करने पर आरबीआई ने बैंक पर 5.4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। हाल में 31 जनवरी को आरबीआई ने बैंक से 29 फरवरी के बाद डिपॉजिट नहीं लेने को कहा है।