नई दिल्ली
एनसीपी शरद पवार की रहेगी या अजित पवार की, इसको लेकर चुनाव आयोग ने मंगलवार को फैसला सुना दिया। चाचा और भतीजे की लड़ाई में बाजी भतीजे के हाथ लगी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि अजित पवार गुट वाली एनसीपी ही असली एनसीपी है। 6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद अजीत पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और चिह्न मिला।
वहीं, चुनाव आयोग ने शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है। रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जा सकता है।