हैदराबाद
तेलंगाना की नई कांग्रेस सरकार अब राज्य के आधिकारिक छोटे नाम या एब्रिविएशन TS को बदलने की तैयारी कर रही है। खबर है कि अब दक्षिण भारतीय राज्य को TG के तौर पर पहचाना जाएगा। कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि पिछली भारत राष्ट्र समिति (पहले TRS) ने पार्टी की पहचान के तौर पर राज्य को TS बना दिया था। कैबिनेट बैठक के दौरान तेलंगाना में जातिगत जनगणना कराने का भी फैसला लिया गया है।
तेलंगाना सरकार ने संक्षिप्त नाम को TS के बजाए TG करने का फैसला ले लिया है। साथ ही अब आंद्रे श्री के 'जय जय हो तेलंगाना' को नए राज्यगान के तौर पर भी अपनाने की तैयारी की है। साल 2023 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीआरएस को बड़े अंतर से हराकर सरकार बनाई थी। खास बात है कि तेलंगाना के गठन के बाद से पहली बार राज्य में के चंद्रशेख राव के अलावा किसी अन्य पार्टी की सरकार आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर पर किए गए वादे की तर्ज पर तेलंगाना में भी जातिगत जनगणना होने जा रही है। हालांकि, इसे लेकर तारीख स्पष्ट नहीं की है। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बीते महीने कहा था कि सरकार जल्द ही जातिगत जनगणना कराने की तैयारी कर रही है। गुरुवार से तेलंगाना का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है।
पीटीआई भाषा के अनुसार, राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने कैबिनेट बैठक के बाद रविवार रात पत्रकारों को बताया कि विधानसभा सत्र आठ फरवरी को राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। राज्य के सूचना और जनसंपर्क मंत्री पी. श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न निर्णयों में, कैबिनेट ने राज्य के आधिकारिक प्रतीक को इस तरह से बदलने का फैसला किया कि यह 'राजशाही के किसी भी निशान के बिना लोगों को प्रतिबिंबित करे'।
BRS को चुनौती
खबर है कि मुख्यमंत्री रेड्डी ने सिंचाई परियोजनाओं को लेकर बीआरएस पर जमकर निशाना साधा है। इतना ही नहीं उन्होंने पूर्व सीएम केसीआर, केटी रामाराव और भतीजे हरीश राव को बहस के लिए सदन में बुलाया है। खबर है कि बीआरएस नेताओं की तरफ से कांग्रेस की चुनौती को स्वीकार कर लिया गया है।