कोण्डागांव। विगत 02 वर्षों में रोजगार सेक्टर भी महामारी के दुष्परिणाम की चपेट में है और युवाओं के आगे बढ़ने के अवसरों पर इसकी परछाई ने एक प्रकार से ग्रहण सा लगा दिया है। ऐसे विपरीत परिदृश्य में भी कौशल विकास योजना के सौजन्य से रोजगार मेले का आयोजन कर बेरोजगार युवाओं के बीच स्वालंबन की मशाल को जलाया है।
इस उद्देश्य के पूर्ती के लिए जिले में लगातार प्लेसमेंट कैंप के आयोजन किये जा रहे है। इस क्रम में हाल ही में प्लेसमेंट कैंप के माध्यम से ’बुधसन’, ’बसंती’, ’धनमती’, ’दशम’ु, ’सुनीता’, ’निम्मी’ जैसे सैकड़ों युवक-युवतियों को तत्काल चयन कर रोजगार उपलब्ध कराया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार रोजगार मेले में शिरकत करने आई ऐजेंसी ’’कमाण्डों सिक्युरिटी सर्विस रायपुर’’ द्वारा सड़सठ युवाओं को चयन कर उन्हें सुरक्षाकर्मी के पदों हेतु चयन किया गया है। इनमें 53 युवाओं को रायपुर तथा 14 युवाओं को जगदलपुर में नियुक्ति दी गई है। इन युवाओं को शुरूवात में मुख्यालय के पलारी गांव स्थित मुख्यमंत्री कौशल विकास केन्द्र में 10 दिवसीय गहन प्रशिक्षण दिया गया। इसमें मोटीवेशनल प्रोग्राम, शारीरिक ड्रिल, स्पोर्ट्स आदि कार्यक्रम शामिल हैं। कमाण्डों सिक्युरिटी के प्रशिक्षक श्यामसिंह ठाकुर ने बताया कि यहां इन सभी प्रशिक्षु युवाओं के लिये निःशुल्क रहवास एवं भोजन का प्रबंध किया गया है।
इसके पूर्व दो बैच को भी सिक्युरिटी सर्विस द्वारा चयन करके विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है, जहां पर सभी युवा उत्साहपूर्वक कार्यरत् हैं। इस सिक्युरिटी सर्विस द्वारा चयनित युवा ग्राम मुलमुला के सुनील बघेल ने बताया कि वे कक्षा 12वीं पास करके घर पर अपने पैतृक कुम्भकार व्यवसाय में हाथ बटा रहे थे परतुं इच्छा थी की वे बाहर काम करने जाये और उनके लिए प्लेसमेंट द्वारा चयन होने को वे एक अच्छे मौके के रूप में देखते है। चूंकि घर में सात सदस्य है अतः उनके लिये प्लेसमेंट द्वारा चयन करना एक सुनहरा अवसर है। इसी प्रकार ग्राम काटागांव, माकड़ी की धनमती मरकाम एवं ग्राम केरावाही की देवकी नेताम ने बताया कि उनके पिता मामूली खेतीहर है और उनके लिये भी कमाण्डो सर्विस में आना अच्छा लग रहा है एवं इसमें उनके परिवार की भी सहमति है। फरसगांव के ग्राम मोहलई निवासी 12वीं पास दशमु मरकाम से जानकारी मिली कि उनके पिता का स्वर्गवास हो चुका है और घर में दो छोटे भाई-बहन की जिम्मेदारी उन पर ही हैं अतः यह अवसर उनके लिए बहुत ही जरूरी था। ग्राम टेमरूगांव के बुधसन कोर्राम ने बताया कि आईटीआई करने के बाद भी वे बेरोजगार थे और घर में रहकर खेती कार्य में व्यस्त थे परंतु प्लेसमेंट कैंप के माध्यम से सर्विस द्वारा उनका चयन किये जाने से उनके घर वाले बहुत खुश हैं और उन्होंने पूरी लगन से कार्य करने की इच्छा जताई।
कमाण्डो सिक्युरिटी सर्विस प्रशिक्षण केन्द्र में युवकों के साथ-साथ दूरस्थ ग्राम क्षेत्र की लड़कियों का भी उत्साह समान था। वे भी अन्य बड़े शहरों में जाकर अपने कार्य को उत्साहपूर्वक करने के लिए उत्सुक थी।
युवा कैरियर के संदर्भ में रोजगार से वंचित ग्रामीण युवाओं को निपुण बनाकर अपने पैरों में खड़ा करने के इस मिशन ने इन युवाओं में नया आत्मविश्वास जगाकर नकारात्मक मानसिकता को दूर किया है। यह उचित ही है की जो लड़कियां 10वी से 12वीं उत्तीर्ण कर फूर्सती घर का काम कर रही थी वहीं लड़के खेती-किसानी या अंला-फंला काम करके आत्म संतोषी होने को विवश थे। उन्हें कौशल विकास योजना के तहत् जोड़कर सहीं मायने में उनकी दुनिया को रोजगार से रौशन किया गया है।