गाजा
गाजा में हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इजरायल गाजा के रफाह में बड़ी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में हैं. ऐसे में वहां शरण लिए हुए लोगों में दशहत का माहौल है. यहां करीब 15 लाख फिलिस्तीनी लोगों ने शरण ले रखी है. ये वो लोग हैं जिनका सबकुछ इजरायली हमले में तबाह हो चुका है और जान बचाने के लिए यहां रह रहे हैं. मिस्र से सटा हुआ ये इलाका अभी तक सुरक्षित है और इजरायल ने यहां बमबारी नहीं की है, लेकिन अब यहां भी सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
इजरायल का दावा है कि यहां हमास के लड़ाके छिपे हुए हैं, जबकि यहां रह रहे लोगों का कहना है कि इजरायल फिलिस्तीनियों को मिस्र में धकेलना चाहता है, ताकि वो यरूशलम और वेस्ट बैंक की तरह गाजा पर भी पूरी तरह से कब्जा कर ले. यहां रह रहे लोगों ने कहा कि वो गाजा में मरना पसंद करेंगे लेकिन मिस्र नहीं जाएंगे. गाजा निवासी डॉ. नाहिद अबू असी ने कहा, ''यहां नेतन्याहू और उनकी सरकार राफा पर आक्रमण करने की धमकी दे रही है. हम कहां चले जाएं? यदि वे हम पर मिस्र में धकेलने की कोशिश करेंगे तो भी हम वहां नहीं जाएंगे. हम गाजा लौट आएंगे. गाजा हमारी जमीन है. हम यहीं रहकर मरना पसंद करेंगे, लेकिन मिस्र या किसी अन्य स्थान पर पलायन नहीं करेंगे.''
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस का कहना है कि गाजा की आबादी 24 लाख है. पूरी आबादी के आधे से ज्यादा लोगों ने रफाह में शरण ले रखी है. ऐसे में यहां इजरायल सैन्य कार्रवाई करता है तो बड़ी तादाद में लोगों की जान जा सकती है. अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया के ज्यादतर देशों ने इजरायल से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन इजरायल रफाह में सैन्य अभियान चलाने पर अड़ा हुआ है. उसका दावा है कि फिलिस्तीनी लोगों की आड़ में बड़ी संख्या में हमास के लड़ाके वहां पर छिपे हुए हैं. यही वजह है कि इजरायली सेना वहां हमला करके आतंकवादियों को ठिकाने लगाना चाहती है. हमास और इजरायल के बीच चल रही इस जंग में अब तक 28 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.
बताते चलें कि हमास और इजरायल युद्ध के चार महीने पूरे हो चुके हैं. लेकिन जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. दक्षिणी गाजा पट्टी में इजरायली सेना ने अपने हमले तेज कर दिए हैं. बीते दिनों इजरायली सेना ने रफा के खिरबत अल-अदस में पुलिस की गाड़ी को निशाना बनाया. इसमें 5 फिलिस्तीनी पुलिसकर्मी मारे गए. इजरायली सेना ने ड्रोन से इन पर उस वक्त हमले को अंजाम दिया जब ये पुलिसकर्मी खिरबत में गश्त कर रहे थे. इस तरह इजरायील सेना ने एक रिहायशी इमारत को भी निशाना बनाया.
इस हमले में एक पत्रकार समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. पत्रकार की पहचान जकारिया अबू ग़ाली के रूप में की गई है. इस हमले में कई और लोग घायल हुए हैं. वहां करीब 200 लोग खान यूनिस से विस्थापित होकर शरण लिए हुए हैं. आईडीएफ प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा, ''हम इस समय युद्ध में हैं. गाजा पट्टी के उत्तर में खान यूनिस में अभी भी भीषण जंग हो रही है. हमें विश्वास है कि अपने रास्ते में आने वाली हर बांधा को पार करेंगे. खुद ज्यादा मजबूत बनाएंगे.''
इसके साथ ही इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने हमास के उस ठिकाने को खोज निकालने का दावा किया है, जहां पर 7 अक्टूबर के हमले के लिए आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी. इस ठिकाने पर हमास कमांडर मोहम्मद सिनवार का ऑफिस भी था, जो कि टनल नेटवर्क के जरिए जुड़ा हुआ था. इसके साथ यहां पर बड़ी संख्या में रॉकेट और हथियार रखे गए थे. इसे आईडीएफ की बड़ी सफलता मानी जा रही है. इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने अपने ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो जारी किया है.
इसमें आईडीएफ के जवानों को सुरंगों में दाखिल होते देखा जा सकता है. इसके साथ सुरंग के अंदर लग्जरी सुविधाओं से लैस कमरे, भारी मात्रा में हथियार और रॉकेट देखे जा सकते हैं. यहां तक कि इन सुरंगों में बख्तरबंद वाहनों के जाने तक सुविधा मौजूद है. आईडीएफ का दावा है कि हमास ने अपने लड़ाकों को यही ट्रेनिंग दी थी. इसके बाद उन आतंकियों ने 7 अक्टूबर को इजरायल के किबुत्ज शहर में खौफनाक हमला किया था. इस हमले में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे. 250 लोगों को आतंकी बंधक बनाकर ले गए थे.
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बड़ा दावा करते हुए हमास के 24 मे से 17 बटालियन को पूरी तरह तबाह करने की बात कही है. उनके के मुताबिक हमास के बाकी बचे बटालियन दक्षिणी गाजा में हैं. उन पर भी सैन्य कार्रवाई की जा रही है. नेतन्याहू ने कहा, ''हमारा सबसे पहला और जरूरी लक्ष्य हमास का खात्मा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमास बटालियनों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है. आज तक हमने 24 में से 17 बटालियनों को उखाड़ फेंका है. शेष बटालियनों में से अधिकांश दक्षिणी गाजा और राफा में हैं.''