ढाका
भारत को गुरुवार को मेजबान बांग्लादेश के साथ SAFF महिला अंडर-19 फुटबॉल चैंपियनशिप (SAFF Women's Under-19 Football Championships) का संयुक्त विजेता घोषित किया गया. निर्धारित 90 मिनट के खेल के बाद मैच 1-1 से बराबरी पर समाप्त हुआ. इसके बाद पेनल्टी शूटआउट भी बराबरी पर रहा.
बाद में टॉस के आधार पर बांग्लादेश को लगा कि उन्होंने मैच जीत लिया है. लेकिन इसके बाद दोनों ही टीमों को ज्वाइंट विनर घोषित किया गया. अपनी टीम के पक्ष में जब परिणाम नहीं आया तो बांग्लादेशी फैन्स भड़क उठे और उन्हें पत्थर और बोतलें फेंकना शुरू कर दी.
क्यों हुआ फुटबॉल मैच में बवाल
जैसे ही मैच अधिकारियों ने सिक्का उछालकर भारत को टूर्नामेंट का विजेता घोषित किया, बांग्लादेशी फैन्स ने मैदान पर पत्थर और बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं. इसके बाद इस रिजल्ट को वापस ले लिया गया और दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया.
निर्धारित 90 मिनट के खेल के बाद दोनों टीमों के बीच खेल 1-1 से बराबरी पर खत्म हुआ था. इसके बाद पेनल्टी शूटआउट हुआ, यह भी बराबरी पर रहा और गोलकीपरों सहित दोनों टीमों के सभी 11 खिलाड़ियों ने अपने पेनल्टी किक को गोल में बदल दिया.
टॉस से फैसला और मैदान में तांडव
स्कोरलाइन 11-11 पर पहुंचने के बाद रेफरी पेनल्टी शूटआउट जारी रखने ही वाली थी, पर फिर उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा गया. इसके बाद उन्होंने दोनों पक्षों के कप्तानों को बुलाया और टॉस उछाला. टॉस भारत जीतने में सफल रहा और उसने जश्न मनाना शुरू कर दिया.
इसका बांग्लादेशियों ने विरोध किया और उनके खिलाड़ियों ने काफी देर तक खेल का मैदान छोड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था और बड़ी संख्या में भीड़ ने मैदान पर बोतलें फेंकनी शुरू कर दी और नारेबाजी की.
फिर बदला गया मैच का नतीजा
मैच कमिश्नर ने एक घंटे से अधिक समय के बाद जिन्होंने शुरू में टॉस उछालने का निर्णय लिया था. उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया और भारत और बांग्लादेश को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया गया. एआईएफएफ (AIFF) के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, 'यह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (All India Football Federation) की ओर से एक अच्छा संकेत था. हमने दोनों पक्षों को संयुक्त विजेता घोषित करने के फैसले को स्वीकार कर लिया है. टूर्नामेंट के नियमों को लेकर मैच अधिकारियों की ओर से भ्रम की स्थिति थी, जिसके कारण अभूतपूर्व दृश्य सामने आए'.