Home विदेश पीएचडी-मास्टर डिग्री बेकार, इनके बिना ही हमें मिली कामयाबी : शिक्षा मंत्री

पीएचडी-मास्टर डिग्री बेकार, इनके बिना ही हमें मिली कामयाबी : शिक्षा मंत्री

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काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का एलान कर दिया है। मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को जहां देश का नया प्रधानमंत्री बनाया गया है, वहीं शेख मौलवी नूरल्लाह मुनीर को शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। इस बीच सरकार गठन के साथ ही तालिबानी फरमान भी आने शुरू हो गए हैं जिसमें नए शिक्षा मंत्री नूरल्लाह मुनीर का विवादित बयान भी शामिल है। मुनीर ने कहा है कि आज के वक्त में पीएचडी या किसी दूसरी मास्टर डिग्री का कोई फायदा नहीं है। मुनीर ने कहा कि हमलोगों के पास कोई डिग्री नहीं है फिर भी हम सरकार चला रहे हैं। ऐसे में आज के वक्त में किसी तरह की पीएचडी या मास्टर डिग्री की जरूरत नहीं है।
तालिबान ने शिक्षा के क्षेत्र में शुरू किया भेदभाव
बता दें कि तालिबान ने सत्ता में आने से पहले ही शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव करने शुरू कर दिए थे। कॉलेज में लड़के-लड़कियों के बीच में पर्दा डाल दिया गया। कई जगहों पर लड़कियों और महिलाओं को सिर्फ बुजुर्ग या महिलाएं ही पढ़ा रही हैं। इसके अलावा तालिबान उन निजी कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज पर नकेल कसना शुरू कर दिया है जिसने 2001 में तालिबान के शासन के खत्म होने के बाद आधुनिक शिक्षा पर बल दिया है।
तालिबान ने अपने फरमान में आगे लिखा है कि विश्वविद्यालय को अपनी सुविधाओं के अनुसार छात्राओं के लिए महिला शिक्षकों की भर्ती करने की जरूरत है। अगर ऐसा संभव नहीं है तो उन्हें ऐसे बुजुर्ग पुरुषों को नियुक्त करने की कोशिश करनी चाहिए जिनका चरित्र अच्छा हो। महिलाओं को अब पुरुषो से अलग होकर पढ़ना होगा, इसलिए वो पुरुष छात्रों से 5 मिनट पहले अपना काम निपटा लें ताकि उन्हें बाहर पुरुषों का सामना न करना पड़े।
जानिए अफगानिस्तान में किसे कौन सा मंत्रालय मिला
अफगानिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच तालिबान ने मंगलवार देर शाम नई सरकार का एलान कर दिया। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के नए प्रधानमंत्री होगा। इसके अलावा मुल्ला बरादर को उप-प्रधानमंत्री, सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृहमंत्री, मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री और अमीर मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है। खास बात यह है कि इस एलान के बाद तालिबान के सर्वोच्च नेता ने नई सरकार से शरिया कानून बनाए रखने के लिए कहा है।