Home राजनीति भाजपा के मनसुख मांडविया और परशोत्तम रूपाला नहीं हुए फिर से रिपीट

भाजपा के मनसुख मांडविया और परशोत्तम रूपाला नहीं हुए फिर से रिपीट

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अहमदाबाद
 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों के चुनाव में बीजेपी काफी नेताओं की टिकट काट दी है। गुजरात में पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और केंद्रीय मत्सय एवं पशुधन मंत्री परशोत्तम रूपाला को तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा है। दोनों दिग्गज नेताओं के 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें अब मजबूत हो गई हैं। राज्यसभा चुनावों के बीच चर्चा है कि बीजेपी के दिग्गज नेता परशोत्तम रूपाला राजकोट की सीट से मैदान में उतर सकते हैं। परशोत्तम रूपाला अभी तक लोकसभा के सदस्य नहीं रहे हैं। इसीप्रकार केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया भावनगर की सीट से लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं। मांडविया भी अभी तक लोकसभा के सदस्य नहीं चुने गए है। वह 2002 गुजरात विधानसभा चुनावों में भावनगर जिले की पालिताणा सीट से चुने गए थे।

पाटीदार समुदाय है दोनों दिग्गज
बीजेपी के दोनों नेता पाटीदार समुदाय से आते हैं। 69 साल के परशोत्तम रूपाला राजनीति में आने से पहले एक शिक्षक थे। तीन बार विधायक और फिर दो राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री बने रूपाला राजनीति में लंबी पारी खेल चुके हैं। वह गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।रूपाला की गिनती बीजेपी के अच्छे कम्युनिकेटर में होती है। उनकी भाषण शैली काफी अच्छी है। खासकर गुजराती भाषा में, इसके चलते उन्हें सुनने के लोग उत्सुकतावश पहुंचते हैं। रूपाला को संगठन की अच्छी समझ है। उनके राजकोट से चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा है। अभी यहां से बीजेपी मोहनभाई कुंडारिया सांसद हैं।

बीजेपी का गढ़ है भावनगर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (51) के भावनगर से लड़ने प्रबल संभावना है। मांडविया को गुजरात के साथ केंद्र में काम करने का अनुभव है। वह संगठन में भी रह चुके हैं। मांडविया जब 2015 में गुजरात बीजेपी के सबसे युवा महासचिव बने थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से राजनीति में कदम रखने वाले मांडविया 38 साल की उम्र में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। मांडविया की गिनती पीएम मोदी के गुडबुक वाले नेताओं में होती है। भावनगर सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ है। अभी यहां से भारतीबेन शियाल सांसद हैं। वह 2014 में पहली बार चुनी गई थी। इसी सीट पर बीजेपी ने सबसे 1991 में जीत हासिल की थी। तब महावीर सिंह गोहिल जीते थे। इसके बाद यहां से पार्टी के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह राणा पांच बार जीते।

तो बदल सकती हैं सीटें
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी सीटों पर बीजेपी मजबूत स्थिति में है। पार्टी की योजना है कि 26 सीटों में जिन सीटों पर जीत का मार्जिन कम रहा है। वहां से दिग्गजों को उतारा जाए। जिन सीटों को पार्टी बड़े अंतर से जीतती आई है। वहां पार्टी नए प्रयोग करें। अभी दोनों के राजकोट और भावनगर से लड़ना तय माना जा रहा है। अंतिम निर्णय संसदीय बोर्ड में होने की उम्मीद है।

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