गरियाबंद.
कुर्रा से पंडित जवाहर लाल नेहरू पुल तक नेशनल हाइवे में जिस चौड़ीकरण का काम ठेकेदार ने लिया है। वह न केवल लापरवाह है बल्कि निरंकुश हो गया है। अधिकारी उनके सामने बेबस नजर आ रहे हैं। ये काम 21 जून 2022 को भूमिपूजन के साथ शिलान्यास किया गया था। इस काम को तत्कालीन विधायक धनेंद्र साहू ने यह सोचकर स्वीकृत कराया था कि कुर्रा से लेकर शहर के बीचो बीच से हाइवे में जिस रफ्तार से ट्रेफिक बढ़ रहा है। वो कम से कम नियंत्रण होगा।
इस काम को एक साल आठ माह में पूरा किया गया। अधिकारी बेबस हो गए हैं। कार्यपालन अभियंता चंदेल से इस संबंध में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कल से काम शुरू हो जाएगा। मगर ये कल, कई कल हो गए। ठेकेदार का काम करने का तरीका इतना गंदा है कि आधा दूर कर रहे हैं। आधा दूर छोड़ रहे हैं। आधा मीटर मरूम डालना हैं। मगर डाल नही रहे हैं। कई ऐसे प्वाइंट हैं जहां न तो बेस तैयार किया और न गढ्ढा खोदा गया।
कचरे में ही मिट्टी डालकर काम चालू कर दिया। यदि बस स्टैंड के पास ही इसे खोदकर जांच की जाए तो इसमें न तो बेस मिलेगा, न गढ्ढा और न मुरूम। कई ऐसे प्वाइंट हैं। जहां आगे-आगे डामर कर रहे हैं। पीछे से टुटते जा रहा है। नाली भी ऐसी बनाई है कि जिसका कहीं ढक्कन गिर रहा है तो कहीं कम सीमेंट का उपयोग किया गया है। सरिया भी कम लगाए हैं। जगह-जगह गढ्ढे दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा हैं।
जानकार इंजीनियर बताते हैं कि इनका डामर भी क्वालिटीविहीन है। सीटी एस बी में दो फीसदी सीमेंट मिलाना है जिसे बिल्कुल नहीं मिला है। रोड डिवाइडर भी ऐसे बने हैं जो टेढ़ा-मेढ़े हैं। डामर भी अभी पूरा लेयर नहीं है। काम बिल्कुल बंद है, ठेकेदार का पता नही है। ऐसे में 28 करोड़ 75 लाख की लागत से बनने वाले इस चौड़ीकरण के काम पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है?
बता दें कि शर्मा भोजनालय के पास गिट्टी डाले कई महीने बीत गए मगर इसे डामरीकरण नहीं किया गया। बस स्टैंड पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौक के पास रोज कम से कम पांच से दस गाड़ी आपस में टकराते-टकराते बच रहे हैं। पिछले हफ्ते छोटा हाथी ने एक कार वाले को घसीट दिया, चौक पर भीड़ लग गई। दोनों पक्षों ने आपस में बात करके समझौता किया। इस चौड़ीकरण के काम में रोज कहीं न कहीं दुर्घटना हुई। मगर ठेकेदार को कोई फर्क नहीं पड़ा।
24 फरवरी से राजिम का सुप्रसिद्ध कुंभ कल्प मेला शुरू होने जा रहा है, जो 15 दिनों महाशिवरात्रि तक चलेगा। इस दौरान 25 से 30 लाख श्रद्धालू इसी मार्ग से आएंगे और जाएंगे। राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री, सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों की फौज का आना-जाना रहेगा। मगर क्या मजाल है कि इसे ठेकेदार और संबंधित विभाग के अधिकारी गंभीरता से ले रहे हूं। कार्यपालन अभियंता चंदेल से जब पूछा गया कि बस स्टैंड से लगे हुए एरिया में रोड डिवाइडर क्यों नहीं बन रही है? तो उनका कहना था विधायक लिखकर देंगे तो बनेगा। मतलब यही है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय तिगड्डा में दुर्घटना होती रहे और अधिकारी बहानेबाजी करते रहे। जबकि इस प्वाइंट पर रोड डिवाइडर बनाया जाना अतिआवश्यक है।