भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में स्थित एम्स में बुधवार को नए प्रयोग की शुरुआत की है. इस प्रयोग के तहत एम्स ने ड्रोन का उपयोग मानव सेवा के लिए किया है. इसका सफल ट्रायल भी हुआ. भोपाल एम्स की छत से रायसेन (Raisen) जिले के गौहरगंज 40 किलोमीटर दूर ड्रोन भेजा गया. ड्रोन कुछ जरुरी दवाई लेकर पहुंचा. भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के छत पर खड़े इस ड्रोन में ड्रोन दीदी ने मेडिकल के कुछ सामान एक बक्से में रखे.
गोहरगंज से ड्रोन वापस हुआ रवाना
इस बक्से का वजन लगभग पांच किलो तक होगा. सभी जरुरी सामान रखने के बाद ड्रोन को उड़ाने के लिए इंजीनियर ने काउंटडाउन शुरू किया और पांच, चार, तीन, दो, एक बोलते ही ड्रोन उड़ चला. फिर ड्रोन रायसेन जिले के 40 किलोमीटर दूर गोहरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा. ड्रोन महज 20 मिनट में 40 किलोमीटर दूर गोहरगंज पहुंच गया. गोहरगंज में दस मिनट बाद वापस इस ड्रोन को भोपाल एम्स के लिए रवाना किया गया. गोहरगंज पहुंचने पर ड्रोन में वापस कुछ दवाई रखी गई, जिनका वजन लगभग पांच किलो ही था.
एम्स की छत पर मैकेनिज्म तैयार
इसके बाद महज 20 मिनट के अंदर यह ड्रोन गोहरगंज से भी 40 किलोमीटर का सफर तय कर भोपाल पहुंच गया. बता दें स्वास्थ्य से संबंधित मानव सेवा के लिए ड्रोन का पहला प्रयोग ऋषिकेश एम्स द्वारा किया गया था. इसके बाद मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल में स्थित एम्स ने इसकी शुरुआत की है. एम्स भोपाल द्वारा इसके लिए ड्रोन ऑपरेटर्स को दिल्ली में विशेष ट्रेनिंग दी गई है. भोपाल एम्स प्रबंधन ने एम्स की छत पर इसके लिए पूरा मैकेनिज्म तैयार कर इसे जल्द व्यापक रूप से शुरू करने का दावा किया जा रहा है.