नई दिल्ली
विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारत पर लगाया गया अस्थाई निलंबन हटा दिया है। लेकिन साथ ही राष्ट्रीय महासंघ को निर्देश दिया है कि वह प्रदर्शनकारी पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के खिलाफ भेदभावपूर्ण कारवाई नहीं करे। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के समय पर चुनाव नहीं करा पाने के कारण यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पिछले साल 23 अगस्त को उसे निलंबित कर दिया था।
किसी भी पहलवान के साथ भेदभाव नहीं
विश्व संस्था ने बयान में कहा,‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू ब्यूरो की निलंबन की समीक्षा करने और अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए 9 फरवरी को बैठक हुई और सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद निलंबन हटाने का फैसला किया गया।’ बयान में कहा गया है,‘डब्ल्यूएफआई को तुरंत ही यूडब्ल्यूडब्ल्यू को लिखित गारंटी देनी होगी कि डब्ल्यूएफआई की सभी प्रतियोगिताओं विशेष कर ओलिंपिक खेलों के ट्रायल्स और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए बिना किसी भेदभाव के पहलवानों का चयन किया जाएगा।’
बयान के अनुसार,‘जिन खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा उनमें वह तीन पहलवान भी शामिल है जिन्होंने पूर्व अध्यक्ष (बृजभूषण शरण सिंह) के कथित गलत कामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।’ पिछले साल दिसंबर में डब्ल्यूएफआई के चुनाव कराए गए थे जिसमें पूर्व अध्यक्ष के करीबी संजय सिंह को नया प्रमुख चुना गया था।
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुशती महासंघ को किया था निलंबित
खेल मंत्रालय ने हालांकि राष्ट्रीय खेल संहिता के उल्लंघन का हवाला देकर कुछ दिन बाद ही महासंघ को निलंबित कर दिया था। इसके बाद देश में कुश्ती के संचालन के लिए तदर्थ समिति गठित की गई थी। डब्ल्यूएफआई ने हालांकि खेल मंत्रालय के फैसले को नामंजूर कर दिया था। उसने मंगलवार को विश्व संस्था के फैसले का स्वागत किया।
संजय सिंह ने पीटीआई से कहा,‘तदर्थ समिति का अब कोई महत्व नहीं रह गया है क्योंकि हमें विश्व संस्था से मान्यता मिल गई है। यह ओलिंपिक वर्ष है और हम जल्द ही ट्रायल्स आयोजित करेंगे। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि किसी भी पहलवान का भविष्य खराब ना हो।’
संजय सिंह प्रदर्शनकारी पहलवानों को लिखेंगे लेटर
डब्ल्यूएफआई के एक अन्य सूत्र ने कहा कि किसी भी पहलवान के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जाएगा और संजय सिंह सुलह करने के लिए प्रदर्शनकारी तीनों पहलवानों को जल्द ही पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा,‘हमें इन तीनों पहलवानों से कोई शिकायत नहीं है।’ पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद भारतीय महासंघ को निलंबित कर दिया गया था।