हल्द्वानी
हल्द्वानी के बनभूलपुरा मेंअवैध मदरसा तथा नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान गुरुवार शाम को भड़की हिंसा के मामले में पुलिस का एक्शन जारी है. हल्द्वानी पुलिस ने इस मामले में आज पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी भी शामिल है. गिरफ्तार किए गए सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है और बाकी लोगों को भी चिह्नित किया जा रहा है.
पांच आरोपी अरेस्ट
CCTV एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर 05 अभियुक्तो की गिरफ्तारी की गई है.घटना के बाद पुलिस ने कुल-03 अभियोग पंजीकृत किये गये हैं और जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है. बनभूलपुरा क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्र में कर्फ्यू हटा दिया गया है और हल्द्वानी में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं.अति आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सामान्य चल रही है. थाना बनभूलपुरा को सुचारू रूप संचालित किया जा चुका है.
1. महबूब आलम पुत्र अब्दुल रउफ निवासी लाईन नं0-16. बनभूलपुरा
2. जिशान परवेज पुत्र स्व० जलील अहमद निवासी वार्ड नं0-21, इन्द्रानगर लाईन नम्बर-14, बनभूलपुरा
3: अरशद पुत्र अमीर अहमद निवासी लाईन नं0-12, बनभूलपुरा
4. जावेद सिद्दकी पुत्र स्व० अब्दुल मोइन निवासी लाईन नं0-17, बनभूलपुरा
5. अस्लम उर्फ अस्लम चौधरी पुत्र स्व० इब्राहिम निवासी लाईन नं0-03, बनभूलपुरा
इस बीच हल्द्वानी में भारी बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. पुलिस के अधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं. अलग-अलग पुलिस के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जा रही है.सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट को भी अलग-अलग क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है.
राज्य सरकार ने केंद्र से मांगे अतिरिक्त सुरक्षा बल
एजेंसी के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने इस हिंसा के मद्देनजर और केंद्रीय बलों की मांग की है. गृह मंत्रालय से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100—100 जवानों वाली चार कंपनियों की मांग की गयी है जिससे हिंसा ग्रस्त बनभूलपुरा क्षेत्र में कानून—व्यवस्था को कायम रखा जा सके. हल्द्वानी शहर में करीब 1000 सुरक्षाकर्मी पहले से ही तैनात हैं. बनभूलपुरा में दुकानें बंद हैं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.
हल्द्वानी में अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल को हटाए जाने को लेकर जो हिंसा हुई उसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. देवभूमि को पहले ही झुलसाने की तैयारी कर ली गई थी. इसकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट भी स्थानीय प्रशासन को दी गई थी. बनभूलपूरा हिंसा से एक हफ्ते पहले इंटेलिजेंस ने प्रशासन को अलर्ट रिपोर्ट दिया था. इसमें कहा गया था कि मस्जिद और मदरसे को हटाने की कार्रवाई को लेकर अब्दुल मालिक के साथ मुस्लिम संगठन और कट्टरपंथी लोग विरोध कर सकते हैं.