नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच तनावभरे रिश्तों के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब नुब्रा क्षेत्र में थोइस एयरबेस पर एक नए नागरिक टर्मिनल भवन के निर्माण पर काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि भारत की यह कार्रवाई चीन की आंखों में आंखें डालकर अपने भौगोलिक क्षेत्र में निर्माण कार्य को बढ़ावा देने और उसे जवाब देने की है। पिछले तीन वर्षों से अधिक समय से इस क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने की स्थिति में रहे है और अक्सर एक-दूसरे के खिलाफ सीमा अतिक्रमण का आरोप लगाते रहे हैं। थोइज एक सैन्य एयरबेस है, जिसका रनवे विशेष रूप से सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किया जाता है लेकिन उड़ान योजना के तहत सरकार यहां से अधिक से अधिक यात्री उड़ानें संचालित करने की योजना बना रही है। हाल के दिनों में लेह से कुछ नागरिक उड़ानें देखी गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को थोइज में एक नए एकीकृत यात्री टर्मिनल के निर्माण के लिए एक सलाहकार नियुक्त करने के लिए बोलियाँ आमंत्रित की गई हैं।
थोइज एयरबेस पर टर्मिनल भवन बन जाने से यह लद्दाख में दूसरा नागरिक हवाई अड्डा बन जाएगा। इससे LAC के पास सुदूर उत्तर तक भी नागरिकों की हवाई उड़ान से कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 130 करोड़ रुपये आंकी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि थोइज में 5,300 वर्गमीटर क्षेत्र के साथ एक केंद्रीय वातानुकूलित घरेलू यात्री टर्मिनल भवन बनने की उम्मीद है। सरकार ने इसके लिए 28 कनाल भूमि को मंजूरी दी है जिस पर नागरिक उड़ानों के लिए टर्मिनल और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए थोइज में एक नागरिक हवाई अड्डे के लिए स्थानीय लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे।
बता दें कि 2020 के पहले से ही पूर्वी लद्दाख में LAC के करीब भारत-चीन के सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में चीन की विस्तारवादी नीति को देखते हुए भारत ने ना केवल अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने पर फोकस किया है बल्कि LAC तक पहुंच को और सुविधापूर्ण बनाने का फैसला किया है। इसी रणनीति के तहत हाल ही में सीमा सड़क संगठन (BRO) ने नुब्रा घाटी में ससोमा से काराकोरम दर्रे के पास तक सड़क निर्माण का कार्य भी तेज किया है।