Home देश सरकार लोकसभा चुनाव से पहले डीपफेक डिटेक्शन एक्सपर्ट्स की टीम तैनात करेगी

सरकार लोकसभा चुनाव से पहले डीपफेक डिटेक्शन एक्सपर्ट्स की टीम तैनात करेगी

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नईदिल्ली
Deepfake दुनियाभर में बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. इसका इस्तेमाल गलत जानकारियों को फैलाने या फिर किसी को बदनाम करने में किया जा सकता है. ऐसे में एक बड़ा डर चुनावों में इसके इस्तेमाल का है. इसे लेकर सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों की मानें तो सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले डीपफेक डिटेक्शन एक्सपर्ट्स की टीम तैनात करेगी.

गृह मंत्रालय का साइबर विंग डिपार्टमेंट जल्द ही डीपफेक डिटेक्शन टूल लेकर आ रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस पर बड़े स्तर पर काम चल रहा है, जिसमें BPRD (ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट) और MHA के I4C (इंडियन साइबरक्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर) डिपार्टमेंट रिसर्च करके डीपफेक डिटेक्शन टूल बना रहा है.

मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देशभर के हर एक साइबर थाने में इस डिटेक्शन टूल को पुलिस को सौंप जाएगा.इसके आधार पर डीपफेक वीडियो को डिटेक्ट करने में सहायता मिलेगी.

क्या है Deepfake और सरकार क्या कदम बढ़ा रही है?

Deepfake को आप वीडियो एडिटिंग या फोटो मॉर्फिंग का बेहतर वर्जन समझ सकते हैं. इस तरह के वीडियो में किसी शख्स की पब्लिक फोटोज और वीडियो की मदद से एक गलत वीडियो तैयार किया जाता है. इस तरह की वीडियोज का मकसद किसी को बदनाम करना या फिर गलत जानकारी फैलाना हो सकता है.

ऐसे वीडियोज़ का इस्तेमाल विरोधियों के खिलाफ चुनाव प्रचार में और सामाजिक संकट उत्पन्न करने के उद्देश्य से किया जा सकता है. MHA साइबर विंग सूत्रों के मुताबिक, यह टूल ना सिर्फ डीपफेक वीडियो को डिटेक्ट करेगा, बल्कि इसे बनाने वाले व्यक्तियों को खोजने में मदद करेगा.

ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार डीपफेक को रोकने के लिए किसी टेक्नोलॉजी को डेवलप कर रही है. टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल को रोकने की दिशा में ये एक बड़ा कदम है.

डीपफेक से बचने के लिए ये हैं ख़ास टिप्स

डीपफेक वीडियो बनाने के लिए किसी शख्स को आपकी ज्यादा से ज्यादा फोटोज और वीडियोज की जरूरत होगी. किसी शख्स के जितने ज्यादा वीडियोज और फोटोज मौजूद होंगे, उसका डीपफेक वीडियो उतना ही बेहतर बनाया जा सकता है.

ऐसे में आपको अपने वीडियो और फोटोज को कम से कम लोगों के हाथ लगने देना चाहिए. सोशल मीडिया पर अपनी फोटोज और वीडियोज पर प्राइवेसी लगाकर रखें. इसके अलावा किसी डीपफेक वीडियो का शिकार होने से बचने के लिए उस वीडियो पर विश्वास करने से पहले उसके बारे में जानकारी किसी ऑथेंटिक सोर्स से जरूर चेक करें.

 

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