बीजापुर/बस्तर.
नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान डीआरजी, बस्तर फाइटर व कोबरा जवानों द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासों से व छग शासन की पुनर्वास व आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर एक पांच लाख के ईनामी नक्सली सहित तीन नक्सलियों ने नक्सल पंथ से तौबा कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
बीजापुर पुलिस के मुताबिक, मद्देड़ एरिया कमेटी सदस्य सोमारू उर्फ सीनू पिता बुधराम कडती (47) निवासी पीटेपाल थाना मिरतुर, जगरगुंडा एरिया कमेटी क्षेत्र के सिलगेर आरपीसी सीएनएम सदस्य सुक्का ओयाम उर्फ कार्तिक पिता चिन्ना ओयाम (25) निवासी दुरंदरभा पटेलपारा थाना जगरगुंडा जिला सुकमा व सरिता ओयाम पति सुक्का ओयाम (20) निवासी दुरंदरभा पटेलपारा थाना जगरगुंडा जिला सुकमा ने शुक्रवार को बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव व पुलिस तथा सीआरपीएफ के आला अफसरों के समक्ष नक्सलियों के भेदभाव पूर्ण व्यवहार उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर एवं छग शासन की पुनर्वास व आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के मुताबिक सोमारू कडती वर्ष 2004 में भैरमगढ़ एरिया कमेटी के पीटेपाल बाल संघम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती हुआ। वर्ष 2006 में सीएनएम सदस्य का काम दिया गया। वर्ष 2008 में मद्देड़ एरिया कमेटी के आवापल्ली एलओएस सदस्य की जिम्मेदारी दी गई। वर्ष 2010 में इल्मीडी क्षेत्र में जन मिलिशिया काम के लिए भेजा गया। वर्ष 2012 में आवापल्ली डिप्टी कमाण्डर का काम दिया। वर्ष 2015 से 2018 तक आवापल्ली एसओएस डिप्टी कमांडर का काम किया। वर्ष 2018 में मद्देड़ एरिया कमेटी सदस्य का काम किया। वर्ष 2023 में आवापल्ली एसओएस कमाण्डर का काम दिया गया। छग शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के तहत धारित पद पर एरिया कमेटी सदस्य पर 5 लाख का ईनाम घोषित हैं। सोमारू कडती पांच बड़े नक्सल वारदातों में शामिल रहा हैं। वही, सुक्का ओयाम उर्फ कार्तिक वर्ष 2015 में सिलगेर आरपीसी के बाल संघम सदस्य के रूप में संगठन में भर्ती हुआ। वर्ष 2017 में सीएनएम सदस्य के पद की जवाबदारी दी गई।
वर्ष 2019 में सिलगेर आरपीसी के आर्थिक शाखा अध्यक्ष पद की जवाबदारी दी गई। सुक्का भी अलग अलग घटनाओं में शामिल था तथा सरिया ओयाम वर्ष 2019 में सिलगेर आरपीसी में बाल संघम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती हुई। उसे वर्ष 2020 में सिलगेर आरपीसी में सीएनएम सदस्य के पद पर कार्य दिया गया। वह 2020 से 2021 तक सीएनएम सदस्य के पद पर कार्यरत रही। आत्मसमर्पण करने पर सभी को उत्साहवर्धन हेतु आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।