इस्लामाबाद
कंगाल पाकिस्तान पर कर्ज का पहाड़ अपने चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान का कुल कर्ज और देनदारी अब 81.2 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है। पाकिस्तान के कर्ज में पिछले साल 27 प्रतिशत की तेजी आई है। पाकिस्तान पर चढ़ा यह कर्ज का पहाड़ अब नई सरकार के सामने बड़ी मुसीबत बनने जा रहा है। पाकिस्तान में चुनाव के बाद अभी तक सरकार बनने को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने अपनी ताजा बुटेटिन में सोमवार को देश के कुल कर्ज और देनदारी के बढ़ने का खुलासा किया। पिछले एक साल में पाकिस्तान के कर्ज में 17.4 ट्रिलियन रुपये की वृद्धि हुई है।
पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक ने बताया कि कुल कर्ज और देनदारी अब 81.2 ट्रिलियन तक पहुंच गई है। इसमें 4.6 ट्रिलियन रुपये देनदारी है। पाकिस्तान पर दिसंबर 2022 से लगभग हर दिन औसतन 48 अरब रुपये का कर्ज बढ़ता चला गया। यह पाकिस्तान में हर महीने के लिहाज से सबसे ज्यादा कर्ज बढ़ने वाले दिनों में से एक है। इन महीनों में 5 महीने केयरटेकर सरकार के रहे हैं जिसके मुखिया अनवारुल हक काकर लगातार विदेश दौरों पर घूमते रहे और देश पर कर्ज का पहाड़ बढ़ता चला गया।
पाकिस्तान में चुनाव के बाद अब नई सरकार के गठन के लिए रस्साकसी चल रही है। बिलावल भुट्टो और नवाज शरीफ के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। इस चुनावी खेल में असली खिलाड़ी इमरान खान हैं। 'कप्तान' इमरान खान ने जेल से ही पाकिस्तान सेना प्रमुख को अपनी ताकत से परिचय करा दिया है और अब वह असली किंग मेकर बन गए हैं। पाकिस्तान में कोई भी सरकार बने लेकिन उसके सामने कर्ज का संकट बहुत बड़ा होने जा रहा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने भी खुलासा किया है कि साल 2022-23 के बीच में कर्ज का भार बहुत ज्यादा बढ़ गया है।
यह वही साल है जब शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में सरकार बनी थी। अब पाकिस्तान के हर नागरिक पर कर्ज 2,71,624 रुपये तक पहुंच गया है। इस कर्ज में 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगर एक साल में बढ़ने वाले कर्ज की बात करें तो यह 54,500 रुपये बढ़ गया है। अगर केंद्रीय बैंक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाकिस्तान ने पिछले साल 6 महीने में कर्ज के ब्याज के रूप में 4.4 ट्रिलियन रुपये चुकाए हैं। पाकिस्तानी चुनाव में तमाम वादे करने वाले राजनीतिक दलों ने कर्ज के बोझ को कम करने के लिए चुप्पी साध रखी थी। पाकिस्तान पर आईएमएफ का कर्ज 30 प्रतिशत बढ़ गया है जो 2.14 ट्रिलियन तक पहुंच गया है। यह कर्ज अभी और बढ़ने जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान आईएमएफ से एक और बेलआउट पैकेज मांग रहा है।