जगदलपुर.
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 11 में 2014 को टाहकवाड़ा में हुई नक्सली मुठभेड़ के दौरान 15 जवानों की हत्या के मामले में गिरफ्तार चार माओवादियों को बस्तर की विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। बतादें कि पुलिस ने 2014 में मुठभेड़ के बाद 200 से ज्यादा नक्सलियों और नक्सल संगठन के प्रमुख नेताओं पर फिर दर्ज किया था।
इस मामले में पुलिस ने चार माओवादियों को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद बस्तर की विशेष अदालत ने चारों को सजा सुनाई है। सुकमा के टाहकवाड़ा में साल 2014 में नक्सलियों ने जवानों पर बड़ा हमला किया था। इस हमले में 15 जवान शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने 200 से ज्यादा आरोपियों पर विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में बाद में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी थी। जिसमें पुलिस ने चार माओवादियों की गिरफ्तारी की थी। जिसमें महादेव नाग, दयाराम बघेल, मनीराम कोर्राम, और कवासी जोगा को गिरफ्तार किया गया था। जिनसे लंबे समय से पूछताछ की जा रही थी।
NIA कर रही थी मामले की जांच
इस मुठभेड़ मामले को लेकर NIA ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। इस मामले में जांच और पूछताछ करते हुए तथ्य विशेष अदालत में पेश किए थे। NIA की जांच के बाद बस्तर की विशेष अदालत ने सभी चारों माओवादियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बतादें कि NIA की जांच मामले में यह पहली सफलता है जिसमें कार्रवाई के बाद नक्सलियों को कड़ी सजा दी गई है। बतादें कि NIA की जांच में पाया गया कि तीन दोषी कवासी जोगा, महादेव नाग, मनीराम कोर्राम बस्तर के निवासी थे, जबकि चौथा दोषी दयाराम बघेल पड़ोसी जिले सुकमा का निवासी था। एनआईए कोर्ट स्पेशल लोक अभियोजक दिनेश पाणीग्राही ने बताया कि यह चारों आरोपी माओवादियों की घटना में संलिप्तता सिद्ध होने के बाद ही कोर्ट ने चारों को सजा सुनाई है।