बैकुण्ठपुर। कलेक्टर कोरिया के निर्देषानुसार पूरे जिले के ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत एक सप्ताह चले जागरूकता सप्ताह में श्रमिकों को उनके हक और अधिकार के बारे मे जागरूक किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को उनके हकदारियों के बारे में जागरूक करने के लिए परिचर्चा और बैठकों का आयोजन किया गया और उनमें जनपद पंचायत के अधिकारियों ने जाकर ग्रामीणों को मनरेगा के अंतर्गत मिलने वाले हक के बारे में जागरूक किया। विदित हो कि पूरे देष में आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया जा रहा है इसके तहत अलग-अलग गतिविधियांे के माध्यम से महात्मा गांधी श्रमिकों को जोड़कर जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। इसी तारतम्य में कोरिया जिले के सभी ग्राम पंचायतों में 27 अगस्त से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों के बीच उनके अधिकारों की जानकारी प्रदान करने के लिए एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। इस महोत्सव के अंतर्गत 27 अगस्त से 3 सितम्बर तक सभी ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा श्रमिकों को मनरेगा अधिनियम के तहत प्राप्त हकदारियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।
इस विशेष जागरूकता अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुणाल दुदावत ने बताया कि प्रधानमंत्री के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की गई है, गत 12 मार्च से प्रारंभ हुआ यह महोत्सव पूरे देश में वर्ष भर मनाया जाना है। इसके तहत अलग-अलग तरह की जागरूकता व जन जागरण की 16 गतिविधियों का आयोजन जिला, ब्लाक और ग्राम पंचायत स्तर पर निरंतर किया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप गत 27 अगस्त से महात्मा गांधी नरेगा के श्रमिकों को उनके हकदारियों के संबंध में अवगत कराया गया। सभी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा के प्रावधानों के अनुरूप ग्राम पंचायत में निवास करने वाले प्रत्येक वयस्क को कई अधिकार एवं हकदारियां प्रदान करने के संबंध में जागरूक किया गया। साथ ही सभी को अवगत कराया गया कि मनरेगा के तहत मांग करने वाले प्रत्येक ग्रामीण वयस्क सदस्य का निशुल्क पंजीकरण करने के साथ उन्हे निशुल्क जाब कार्ड प्रदान किया जाता है। एक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक पंजीकृत परिवार को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलती है।
इसके अलावा प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक परिवार को राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 50 दिवस का रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। जिसका भुगतान राज्य के बजट से किया जाता है। ग्राम पंचायतों में हुई बैठक और परिचर्चा के माध्यम से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में मनरेगा के पंजीकृत श्रमिक को मनरेगा योजना के तहत कार्य की मांग करने का अधिकार, ग्राम पंचायत द्वारा 15 दिवस में ग्राम पंचायत के पांच किलोमीटर के दायरे में अकुशल रोजगार उपलब्ध कराने के अधिकार के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि गत 27 अगस्त से प्रारंभ हुए इस जागरूकता अभियान के तहत प्रत्येक श्रमिक को उसके काम पाने के अधिकार, बेरोजगारी भत्ता पाने के अधिकार, कार्यस्थलों पर पेयजल जैसी सुविधाओं के अधिकार, योजना निर्माण में सहभागिता का अधिकार तथा अधिसूचित मजदूरी दर पर 15 दिन में मजदूरी पाने के अधिकार आदि के बारे में जागरूक किया गया। इसके अलावा उन्हे यह भी बताया गया कि 15 दिवस के अंदर यदि मजदूरी पाने में विलंब होता है तो श्रमिकों को मुआवजा पाने का अधिकार भी प्रदान किया जा रहा है। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि इन सभी हकदारियों के बारे में प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को जागरूक करने के लिए एक सप्ताह तक चले इस अभियान में जिले के सभी ग्राम पंचायतों में अलग-अलग आयोजन कर ग्रामीण श्रमिकों को जागरूक किया गया।