खैबर पख्तूनख्वा
पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने हैं, उससे पहले आतंकी गतिविधियां तेज हो गई हैं. यहां खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान में एक पुलिस स्टेशन पर आतंकी हमला हुआ है, जिसमें 10 पुलिसकर्मी मारे गए गए हैं.
पुलिस ने सोमवार को बताया कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में एक पुलिस स्टेशन पर देर रात हुए हमले में कम से कम 10 पुलिसकर्मी मारे गए हैं, जबकि छह अन्य घायल हुए हैं, जिन्हें डीएचक्यू अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पुलिस ने बताया कि जिले की तहसील दरबान में आतंकवादियों ने तड़के तीन बजे पुलिस थाने पर भारी हथियारों से हमला कर दिया. आतंकियों ने चारों ओर से ग्रेनेड फेंकने के साथ ही भारी गोलीबारी की. सरकारी एजेंसी ने कहा कि पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकवादी रात के अंधेरे में भाग गए.
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पाक पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा बलों द्वारा आतंकियों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर ली गई है. साथ ही इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है. इसके साथ ही रेपिड एक्शन फोर्स भी मौके पर तैनात है.
पाकिस्तान में आठ फरवरी को चुनाव होने हैं. उससे पहले पड़ोसी देश लगातार आतंकी हमलों का सामना कर रहा है. हाल ही में बलूचिस्तान में हुए लगातार तीन आतंकी हमलों में चार सरकारी कर्मचारी और दो नागरिक मारे गए थे, जिसके बाद पाक सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में नौ आतंकवादी की भी मौत हो गई थी.
आतंकियों ने स्नाइपर फायर कर फेंके हथगोले
रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला देर रात तब किया गया, जब थाने के अधिकतर पुलिसकर्मी सोए हुए थे। आतंकवादियो ने हमले से पहले स्नाइपर फायर किया और उसके बाद चौधवन पुलिस स्टेशन में घुस गए। उन्होंने थाने में तैनात पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग की। पुलिस उपाधीक्षक अनीसुल हसन ने बताया है कि आतंकवादियों ने थाने में कई हैंड ग्रेनेड भी फेंके। खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक अख्तर हयात ने घटना और हताहतों की संख्या की पुष्टि की। जान गंवाने वालों में स्वाबी की एलीट पुलिस यूनिट के 6 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन्हें पिछले साल कई हमलों के कारण और चुनावों के दौरान स्थानीय पुलिस का समर्थन करने के लिए क्षेत्र में तैनात किया गया था।
आतंकियों की तलाश में जुटी पुलिस
हमले के तुरंत बाद दक्षिण वजीरिस्तान कबायली जिले, टैंक और डेरा गाजी खान की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात को रोक दिया गया है। पुलिस की कई टीमें आतंकवादियों की बड़े पैमाने पर तलाश कर रही हैं। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का हाथ हो सकता है, हालांकि किसी भी आतंकी गुट ने अभी तक इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। पाकिस्तान में चुनाव से पहले ऐसे आतंकी हमलों ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा प्रांत आतंकवादियों का पसंदीदा ठिकाना है।