नईदिल्ली
असम पुलिस ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ जाने-माने वास्तु शास्त्री खुशदीप बंसल को गिरफ्तार किया है। खुशदीप बंसल पर उनके भाई हरिश के साथ मिलकर 65 करोड़ की जालसाजी का आरोप है।
स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट (CI) ने दोनों को बाराखंभा इलाके के मॉर्डन स्कूल के पास गिरफ्तार किया। खुशदीप बंसल जाने-माने वास्तु शास्त्री है, जिन्होंने पुरानी संसद भवन की लाइब्रेरी से वास्तु ठीक करने का दावा किया था।
5 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद असम पुलिस ने आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया और असम के लिए रवाना हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार असम पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से संपर्क किया था और बताया था कि खुशदीप बंसल पर गैर जमानती वारंट है और वह सैनिक फॉर्म में रहता है।
ऑटोनॉमस काउंसिल घोटाले का है मामला
65 करोड़ रुपये के ऑटोनॉमस काउंसिल घोटाले का यह मामला 2022 का है। इसमें खुशदीप बंसल और उनके भाई समेत कुल पांच आरोपी है, जिसमें मध्यप्रदेश के एक कांग्रेसी नेता का बेटा भी शामिल है।
मामले पर असम के गुवाहटी हाईकोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ सर्च वारंट भी जारी किया था। दरअसल दिल्ली के सबरवाल ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक कमल सबरवाल ने खुशदीप बंसल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी के बाद खुशदीप बंशल ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि उसने किसी को कमल सबरवाल से मिलवाया था और उसने ठगी की थी। वहीं, असम पुलिस का दावा है कि सभी आरोपियों ने मिलकर जालसाजी की है।
पुरानी संसद में वास्तुदोष दूर करने का कर चुके दावा
खुशदीप बंसल कई राज्य सरकार की परियोजनाओं में सलाहकार और प्रमुख व्यवसायियों और उद्योगपतियों के रणनीतिक सलाहकार रहे हैं। बंसल ने 1997 में कहा था की संसद भवन में जो लाइब्रेरी है, उसमें वास्तु दोष है, इसलिए सरकारें गिर जाती हैं। इसके बाद उसने संसद की लाइब्रेरी का वास्तु दोष दूर करने का दावा किया था।
कौन हैं खुशदीप बंसल?
डॉ खुशदीप बंसल का जन्म 12 मार्च को 1972 में दक्षिण पंजाब के छोटे से शहर रामा में हुआ. डॉ खुशदीप बंसल ने एमआईईटी, नागपुर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद साल 1992 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी और वो भारतीय विज्ञान में अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए नागपुर के पास एक गुरुकुल परंपरा में शामिल हो गए. वास्तु शास्त्र के समकालीन स्वरूप में पुनर्जागरण का श्रेय डॉ. बंसल के गहन शोध कार्य को दिया जाता है, जिसके लिए 2001 में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने उन्हें सम्मानित भी किया था.
खुशदीप बंसल ने 2000 के दशक में वास्तु शास्त्र पर एक किताब लिखी थी, उन्होंने 2010 में महा वास्तु शास्त्र पर एक और किताब लिखी. डॉ खुशदीप बंसल की साहित्यिक उपलब्धियों को उड़ान तब मिली जब उन्होंने साल 2012 में महावास्तु हैंडबुक लिखी.
संसद भवन के वास्तुदोष को कर चुके हैं दूर
डॉ खुशदीप बंसल को अधिकांश लोग उनकी वास्तु शास्त्र विद्या और उनकी लिखी पुस्तकों के जरिए ज्यादा पहचानते हैं. लेकिन वो सबसे ज्यादा चर्चा में तब आये थे, जब उन्होंने साल 1997 में संसद भवन की लाइब्रेरी का वास्तुदोष दूर कर यह बताया था कि मौजूदा वास्तु दोष के कारण ही सरकार स्थिर नहीं रह पाती हैं.