उत्तराखंड
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता बिल पारित हो गया है. आजादी के बाद उत्तराखंड पहला राज्य बना है, जहां सभी धर्मों के लिए विवाह-तलाक, उत्तराधिकार जैसे विषयों में एकसमान सिविल कानून बना है. विधानसभा में यह बिल सर्वसम्मति से पारित हुआ और कांग्रेस ने भी इसे समर्थन दिया. इससे पहले विधानसभा सत्र में यूसीसी विधेयक को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी को देश के अन्य राज्यों में भी आगे बढ़ाया जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि UCC से किसी भी धर्म से भेदभाव नहीं किया जाएगा. प्रदेश में हर वर्ग के लोगों को समान अधिकार दिया जाएगा.
तीसरे दिन भी यूसीसी पर चर्चा
दरसअल, तीसरे दिन बुधवार की कार्यवाही सुबह शुरू हुई. इस दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पर चर्चा शुरू हुई. भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच चर्चा के दौरान जमकर तकरार हुई. पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने UCC विधेयक पर चर्चा करते हुए लिव-इन रिलेशन पर सवाल उठाए.
कांग्रेस नेताओं ने उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि अगर सरकार महिलाओं की हालत सुधारने के लिए सच में कदम उठाना चाहती है तो अंकिता भंडारी के माता-पिता की सीबीआई जांच की मांग को पूरा किया जाए. कांग्रेस के वार पर भाजपा विधायकों ने जमकर पलटवार किया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 3 बजे तक स्थगित कर दिया है.
कांग्रेस विधायकों से हुई तकरार
विधानसभा सत्र एक बार फिर 3 बजे शुरू हुआ तो यूसीसी विधेयक पर विधायक अपनी बात रखनी शुरू की. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यूसीसी विधेयक पर बोलते हुए कहा कि यूसीसी समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा. समाज के हर वर्ग के लिए एक समान कानून की वजह से सभी का विकास होगा.
हर वर्ग के लोगों को समान अधिकार मिलेगा
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने यूसीसी पर बोलते हुए कि इस विधेयक से महिलाएं समेत समाज के हर वर्ग के लोगों को समान अधिकार मिलेगा. उनका कहना था कि यूसीसी काननू बनने के बाद अगर जरूरत महसूस होगी तो संशोधन का भी रास्ता भी खुला हुआ है.
देवभूमि इतिहास गढ़ने जा रहा
इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बोलना शुरू किया. सीएम ने कहा कि देवभूमि इतिहास गढ़ने जा रहा है. यह विधेयक सामान्य विधेयक नहीं है. इस विधेयक में सभी को समान अधिकार मिलेगा. इसमें किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जाएगा. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस विधेयक में अनुसूचित जनजातियों को इस विधेयक से बाहर रखा गया है.
ये गलतियां पीएम ने सुधारीं
सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं. भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है. उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है.
सभी के लिए समान अधिकार
सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का विधेयक पीएम मोदी द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है. UCC के इस विधेयक में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है.
अनुसूचति जनजातियों को बाहर रखा
धामी ने कहा कि हमने संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है, जिससे उन जनजातियों का और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सके. इस संहिता में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि विवाह केवल और केवल एक पुरुष व एक महिला के मध्य ही हो सकता है. ऐसा करके हमने समाज को एक स्पष्टता देने व देश की संस्कृति को भी बचाने का काम किया है.