मुंबई
मुंबई के कांदिवली ईस्ट में एक प्लेस्कूल के परिसर में चार साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न की घटना में पुलिस ने स्कूल के प्रिसिंपल और शिक्षकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस पहले ही आरोपी चपरासी को गिरफ्तार कर चुकी है। जिस पर बच्ची के प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप है। बच्ची के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि शिक्षकों को घटना के बारे में पता था लेकिन उन्होंने उन्हें सूचित नहीं किया। शिक्षकों और स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर स्कूल के बाहर अभिभावकों ने प्रदर्शन भी किया था। जिसके बाद पुलिस ने शिक्षकों और प्रिंसिपल को भी आरोपी में शामिल किया।
पुलिस के मुताबिक, घटना शुक्रवार दोपहर की है, जिसमें एक चपरासी कथित तौर पर बच्ची को वॉशरूम में ले गया था, जहां उसने उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की और छेड़छाड़ की। बाद में उसने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की जिसके बाद माता-पिता उसे एक निजी अस्पताल में ले गए जहां उन्हें पता चला कि लड़की के साथ क्या हुआ। उसी दिन उन्होंने पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद शुक्रवार को ही आरोपी को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 के तहत मामला दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया।
बच्ची के पिता ने कहा, "मेरी बेटी अभी भी अस्पताल में शारीरिक हमले से उबर रही है। जब घटना हुई, तो शिक्षकों में से एक ने कहा था उसने उसे और आरोपी को वॉशरूम में देखा। उसने आरोपी को वहां एक स्टॉल में बंद कर दिया और बच्चे को मेडिकल रूम में ले गई।" उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने लड़की के निजी अंगों की जांच की और समझ गए कि क्या हुआ था।
माता-पिता का कहना है कि शिक्षक ने उसके साथ खेलकर और उसे एक सितारा देकर उसे खुश करने की कोशिश की जो उसे पहले कभी नहीं मिला था। शिक्षक ने कथित तौर पर लड़की को पेन किलर भी दिया क्योंकि उसने मेडिकल जांच के दौरान दर्द की बात कही थी। पिता ने कहा, "हालांकि शिक्षकों ने हमे उस दिन इसके बारे में नही बताया, लेकिन जब हमने अगले दिन उनसे मुलाकात की तो वे घटना के बारे में भी संवेदनहीन थे। उन्होंने कहा कि वे किसी अन्य की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।"