रायपुर
गुमशुदा बालक-बालिकाओं की तलाश के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने जनवरी महीने में आपरेशन मुस्कान चलाया। इस अभियान से पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। एक महीने में ही पुलिस ने 50 बालक और 454 बालिकाओं यानी कुल 504 गुमशुदा बच्चों को ढूंढकर उनके स्वजनों को सौंपा। इनमें सर्वाधिक जिला दुर्ग के 93, बलौदाबाजार 58, बिलासपुर के 41 और दूसरे जिलों के गुमशुदा बच्चे शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान प्रदेश के भीतर व तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, दिल्ली व कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में चलाया गया। अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में गुमशुदा बच्चों को ढूंढा गया। इस अभियान की विशेषता यह रही कि राज्य से कई वर्ष पहले गुम हुए बालक बालिकाओं को भी खोज निकाला। आपरेशन मुस्कान के तहत रायपुर जिले के 36 गुमशुदा बच्चों की भी तलाश की गई। इनमें आठ बालक व 26 बालिका शामिल हैं। वहीं दुर्ग के सुपेला, वैशालीनगर, जामुल एरिया के 11 बच्चों की तलाश की गई। छावनी में नौ और पद्मनाभपुर में सात बच्चों को बरामद किया गया है।
जिलों को दिए गए थे निर्देश
आपरेशन मुस्कान अभियान को बेहतर तरीके से चलाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों को विभिन्न दिशा-निर्देश दिए गए थे। पुलिस अधीक्षकों और जिलों में नामांकित नोडल अधिकारियों ने गंभीरता से लेते हुए इस अभियान को सफल बनाने में अपना सराहनीय योगदान दिया।
क्या है आपरेशन मुस्कान
आपरेशन मुस्कान लापता बच्चों का पता लगाने और उनके पुनर्वास के लिए चलाई गई एक योजना है, जिसे गृह मंत्रालय के अधीन संचालित किया जाता है। यह एक ऐसा अभियान है जिसमें राज्य पुलिस के कर्मचारी लापता बच्चों की पहचान करने, उन्हें बचाने और उन्हें उनके परिवारों से मिलवाने के लिए कोशिश करते हैं।