उत्तराखंड
हल्द्वानी में मलिका बगीचा स्थित मदरसे व मस्जिद पर बुलडोजर ऐक्शन के बाद जमकर बवाल हुआ है। नगर निगम व पुलिस टीम द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने के विरोध में क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिससे 10 पुलिस कर्मियों समेत एक महिला घायल हो गई। आक्रोशित भीड़ ने वनभूलपुरा थाने में आग भी लगा दी है। घटना के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। आक्रोशित भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस टीम ने आंसू गैस के गोल दागे। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में आगजनी व पथराव की घटनाएं हुई। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस की कई गाड़ियां और बस को आग के हवाले कर दिया।
गुरुवार दोपहर बाद नगर निगम की टीम पुलिस व जेसीबी मशीन लेकर वनभूलपुरा थाने पहुंची। इससे पहले मलिक का बगीचे क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए मदरसे व नमाज स्थल पर पुलिस ने पहले से ही बेरिकेटिंग कर लोगों को मौके पर आने से रोक दिया। इस दौरान लोगों का मौके पर जुटना शुरू हो गया। पुलिस व निगम की टीम ने जैसे ही मदरसे को खाली कराकर जेसीबी से अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। कुछ लोग बेरिकेटिंग तोड़कर मौके पर पहुंचे। उनकी पुलिस की साथ तीखी झड़प हुई। पत्थरबाजी के दौरान 7 पुलिस कर्मियों समेत एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।
मदरसे को टूटता देख लोगों का गुस्सा बढ़ने लगा। इस दौरान लोगों ने पत्थरबाजी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं शुरू कर दी। मौके पर मौजूद पुलिस व निगम की टीम अतिक्रमण को हटाते रहे। विरोध के दौरान पुलिस ने लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे। भीड़ को तीतरबीतर किया गया। समाचार लिखे जाने तक 7 पुलिस कर्मी घायल हो चुके थे। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। क्षेत्र में भारी तनाव के साथ आगजानी की घटनाएं जारी हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। 3
पुलिस की अधूरी तैयारी, पड़ गए सब पर भारी, पत्थरबाजी का नहीं लगा सके अंदाजा
हल्द्वानी में अतिक्रमण की जमीन पर बने मजार और मदरसा तोड़ने को लेकर पुलिस-प्रशासन की आधी-अधूरी तैयारी अफसरों और पुलिस कर्मियों के साथ पत्रकारों और जनता पर भी भारी पड़ गई। अतिक्रमण तोड़ने गई पुलिस को अंदाजा ही नहीं था कि विरोध में लोगों ने कितनी बड़ी तैयारी की है। पुलिस ने जैसे ही मजार और मदरसा तोड़ना शुरू किया चारों तरफ से जबरदस्त पथराव शुरू हो गया। इसके बाद ये क्रम करीब ढाई घंटे तक चला। पुलिस को अंदाजा ही नहीं था कि लोगों ने घरों की छत्तों में भी पत्थर एकत्र किए हुए हैं। जैसे ही अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई पहले तो लोगों ने विरोध किया।
इसके बाद एकाएक पत्थरों की बारिश शुरू हो गई। चारों तरफ से पथराव होता देख बाद में पुलिस के कदम पीछे खींचने पड़े लेकिन तब तक उत्पातियों ने पुलिस को चारों तरफ से घेर लिया था। जगह-जगह लोगों के खड़े वाहन भी बदमाशों ने फूंक दिए।पुलिस के साथ ही मीडिया कर्मियों को भी जान के लाले पड़ गए। किसी तरह लोग गलियों से होते हुए जान बचाकर निकले। बड़ी संख्या में लोग मौके पर ही अपने वाहन छोड़कर भाग खड़े हुए।