रायगढ़ से सुशील पांडे की रिपोर्ट
कलेक्टर से शिकायत करना चौकीदार को पड़ा महंगा
इंदिरा विहार का मामला
रायगढ़।इंदिरा विहार में मंकी इस्टरलाईजेशन सेंटर में काम करने चौकीदार को जब उसका भुगतान देने का समय आया तो विभाग के अधिकारी अपना पलड़ा झाड़ रहे है।उनका कहना है कि अभी हमारे पास कोई बजट नही है वही मामले की शिकायत चौकीदार ने कलेक्टर से करने पर अब उसको निकालने का फरमान जारी कर दिया है।
इंदिरा विहार में मंकी से इस्टरलाईजेशन सेन्टर सालभर पहले एक चौकीदार कार्तिक राम तुरी को दैनिक वेतन भोगी के रूप में तो रख लिया मगर पिछले छह महीने से उसे वेतन के नाम पर एक पैसे का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में चौकीदार के समक्ष विकट स्थिति निर्मित हो गई है। उसके समक्ष खाने तक के लाले पड़ गये हैं। वेतन की समस्या को लेकर चौकीदार इंदिरा विहार प्रभारी सत्यम प्रधान, डिप्टी रेंजर राजकुमार सारथी व रेंज के प्रभारी छोटे लाल डनसेना से कई बार बात कर चुका है मगर उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है और न ही उसे वेतन का भुगतान हो सका है। इस बीच बुधवार २७ अगस्त की सुबह ७.३० बजे अचानक कलेक्टर भीम सिंह का इंदिरा विहार आना हो गया। वे यहां अक्सर मार्निंग वॉक करने आया करते हैं। वन उद्यान में टलहते हुए उन्होंने वहां चौकीदार कार्तिक राम को देखा और उसे बुलाकर बातचीत करते हुए यह पूछा कि काम कैसा चल रहा है, समय पर वेतन का भुगतान हो रहा है या फिर नहीं। तब चौकीदार ने अपनी पीड़ा कलेक्टर के समक्ष रखी। बुजुर्ग कार्तिक राम की बातों को सुनने के बाद कलेक्टर ने तत्काल प्रभारी, रेंजर व एसडीओ को तलब किया मगर वहां कोई मौजूद नहीं मिला। ऐसे में भीम सिंह ने शनिवार को उन्हें उपस्थित होने के निर्देश दिये। इधर, कलेक्टर के इंदिरा विहार आने और इस तरह की घटना होने की जानकारी मिलने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया। आज सुबह निर्देशानुसार प्रभारी रेंजर व डिप्टी रेंजर इंदिरा विहार पहुंच गये। हालांकि कलेक्टर साहब नहीं पहुंचे, ऐसे में विभागीय अधिकारियों ने चौकीदार को दो टूक शब्दों ने कह दिया कि उनके पास बजट का अभाव है। जब बजट आयेगा तक ही वेतन दिया जायेगा। तब तक तुम जा सकते हो। इस संबंध में रेंज के प्रभारी छोटे लाल डनसेना से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि मंकी इस्टरलाईजेशन सेंटर वैसे ही बंद हो चुका है। मार्च से कोई बजट ही नहीं आ रहा है। इस स्थिति में अप्रैल से चौकीदार का वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं। चौकीदार को मनरेगा के तहत काम करने के लिए कहा गया मगर वह नहीं मान रहा है। ऐसे में उसे कहा गया है कि जब बजट आयेगा तो वेतन लेने आ जाना।