भोपाल
प्रदेशभर में स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद आम नागरिकों पर बिजली खर्च का भार बढ़ने वाला है। वित्तीय वर्ष में यदि तीन महीनों में बिजली की खपत विद्युत कनेक्शन के लिए स्वीकृत भार से ज्यादा होती है तो अगले वित्तीय वर्ष में उपभोक्ता को इन तीन बिलों में से अधिकतम खपत के आधार पर बिजली बिल का भुगतान करना होगा।
विद्युत नियामक आयोग ने इसके लिए मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 में संशोधन कर दिया है। यह दूसरा संशोधन है। इस संशोधन के तहत प्रदेश के जिन विद्युत उपभोक्ताओं के घरों, दुकानों और उद्योगों में बिजली के स्मार्ट मीटर लग गए है वहां पर यह नया नियम लागू होगा। यदि आप साल के नौ महीनों में स्वीकृत विद्युत भार के अंतर्गत ही बिजली का उपयोग खपत करते है और साल के बारह महीनों में से किन्हीं भी तीन महीनों में बिजली की खपत स्वीकृत भार से ज्यादा हो जाती है तो अगले वित्तीय वर्ष में इन तीन महीनों में से स्वीकृत विद्युत भार से जो ज्यादा खपत हुई है उसमें तीन बिलों में से न्यूनतम खपत वाले बिल के आधार पर अगले वित्तीय वर्ष से बिलों की गणना की जाएगी।
इसमें जो टैरिफ की गणना होगी वह बढ़ी हुई मासिक खपत के आधार पर तय होगी। इसमें बिजली बिलों में जो टैक्स और अन्य चार्ज, प्रभार लिए जाते है वे उस बढ़े हुए भार के आधार पर तय किए जाएंगे। निश्चित है कि ऐसे में बिजली का बिल बढ़ जाएगा। इसके लिए उपभोक्ता के साथ पूर्व में किए गए अनुबंध के अलावा अनुपूरक अनुबंध भी नये सिरे से किया जाएगा।
खपत में कमी करके फिर सुधार करवा सकेंगे उपभोक्ता
यदि किसी उपभोक्ता के तीन मासिक बिलों में भार स्वीकृत भार से बढ़ने के कारण विद्युत बिलों में वृद्धि हो गई है तो ऐसे उपभोक्ता अपनी बिजली खपत को नियंत्रित करते हुए चालू वित्तीय वर्ष में यदि अपनी खपत को स्वीकृत भार से कम रखने में सफल हो जाते है तो विद्युत उपभोक्ता के मासिक बिजली खपत के आधार पर स्वीकृत भार को कम करते हुए उसके बिलों को कम भी किया जा सकेगा।
खपत बढ़ने पर कोई दंड नहीं लगेगा
यदि उपभोक्ता द्वारा कनेक्शन के लिए स्वीकृत कराए गए विद्युत भार से तीन महीनों में ज्यादा खपत होती है और इसके कारण अगले साल से विद्युत शुल्क में वृद्धि की जाती है तो इसके लिए विद्युत उपभोक्ता पर किसी प्रकार का दंड या सजा नहीं लगाई जा सकेगी।