Home राजनीति सत्ता जाने के बाद गुटबाजी चरम पर

सत्ता जाने के बाद गुटबाजी चरम पर

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महासमुंद। 15 साल से प्रदेश में सत्ता का सुख भोग चुके भाजपा के कार्यकर्ताओं में सत्ता जाने के बाद वर्चस्व की लड़ाई एवं अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगी है । बड़े नेता वर्चस्व की लड़ाई और अपने कद का हवाला ऐसे देते नजर आ रहे है जैसे अंतिम कड़ी का कार्यकर्ता सिर्फ पार्टी के झंडे बैनर एवं दरी उठाने के लिए ही बाकी रह गए है और पार्टी में उनका कोई अस्तित्व ही नही है । हम बात कर रहे महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक की जहाँ पिछले कुछ दिनों से शोसल मीडिया वायरल हो रहे ऑडियो क्लिप में प्रदेश भाजयुमो के विशेष आमंत्रित सदस्य द्वारा अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष पिथौरा को अश्लील गाली गलौच किया गया । बतादे की इस पूरे मामले की जड़ सिर्फ इतना है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष द्वारा बधाई संदेश देने अपने मंडल के कार्यकर्ताओं सहित कुछ चुनिंदा नेताओ के फोटो लगाए गए थे और उस फ़ोटो को शोसल मीडिया के सारे वाट्सअप ग्रुपो में वायरल किया गया । इस फ़ोटो बैनर में अपना फ़ोटो न होने की बात पर बौखलाए सतप्रित (विक्की)सलूजा (प्रदेश कार्यकारिणी विशेष आमंत्रित सदस्य भाजयुमो) के द्वारा अल्पसंख्यक मोर्चा मंडल अध्यक्ष अनूप तांडी के फोन पर अश्लील गलियों देना शुरू कर दिया वही उस बड़े नेता द्वारा मंडल अध्यक्ष को बनाने का हवाला तक दे डाला। गौरतलब हो कि फोन पर अश्लील गाली गलौज का मामला 11 दिन बीत जाने के बाद भी पार्टी एवं संगठन के लोगो द्वारा अब तक कार्यवाही नही किया गया ।

पिथौरा नगर के चौक चैराहो पर ये चर्चा चल रहा है कि प्रदेश संगठन के एक बड़े नेता का हाथ सतप्रित सलूजा के ऊपर होने के कारण अब तक पिथौरा के मंडल अध्यक्ष एवं भाजपा जिलाध्यक्ष सहित प्रदेश संगठन प्रभारी पवन साय द्वारा किसी भी प्रकार की बयानबाजी एवं कार्यवाही नही किया गया ।
हमेशा से भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं को शिष्टाचार एवं कड़े अनुशासन के पाठ पढ़ाने का ढकोसला कर कार्यकर्ताओ के साथ समानता बताने वाली पार्टी में आज भी सिर्फ फ़ोटो के नाम पर अन्तर्कलह सामने आ रहा ।
गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के बाद महासमुन्द के पिथौरा में ऐसी घटना का सामने आना भाजपा के शिष्टाचार एवं अनुशासित कार्यकर्ताओ वाले देश के सबसे बड़े संगठन वाली बात को आइना दिखा रहा है । अब देखना यह होगा कि भाजपा एवं संगठन के पदाधिकारी इस मामले पर संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करते है या फिर से निचले स्तर के कार्यकर्ताओ को अपना आत्मसम्मान खोकर सिर्फ बड़ी पार्टियों में भीड़ का हिस्सा बनाने का ही काम किया जाएगा ।