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पूर्व लीजेंड्री स्पिनर अनिल कुंबले की बात मानी तो शुभमन गिल के डूबते टेस्ट करियर को बचा सकती है

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नई दिल्ली 
आईसीसी वनडे रैंकिंग में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज शुभमन गिल लिमिटेड ओवर की तरह टेस्ट क्रिकेट में अपनी धाक नहीं जमा पा रहे हैं। रेड बॉल क्रिकेट की कसौटी पर वह अभी तक खरे नहीं उतर पाए हैं। यही वजह है उन्हें प्लेइंग XI से बाहर करने की बातें जोरों शोरों पर हो रही है। हालांकि गिल के पास अभी भी प्लेइंग XI में अपनी जगह बचाने का मौका है, अगर उन्होंने पूर्व लीजेंड्री स्पिनर अनिल कुंबले की बात मानी तो। कुंबले ने गिल की भारतीय पिचों पर सबसे बड़ी कमजोरी का उजागर किया है, अगर वह इस पर काम कर लेते हैं तो बेशक वह टेस्ट में भी बेस्ट बन जाएंगे। कुंबले ने गिल की बल्लेबाजी में ऑब्जर्व किया कि वह काफी सख्त हाथों से खेलते हैं। भारतीय पिचों पर गेंद की उछाल क्या होगी और कितना टर्न करेगी इसका हर बार अंदाजा लगाना मुश्किल होता है, ऐसे में जो बल्लेबाज हल्के हाथें से खेलना जानता है वो यहां सफल हो सकता है। ऐसे में कुंबले ने गिल को हल्के हाथ से खेलने की सलाह दी है, इसके लिए उन्होंने कहा है कि गिल कोच राहुल द्रविड़ की मदद ले सकते हैं।
 

जियो सिनेमा के शो पर बात करते हुए अनिल कुंबले ने कहा. "उसे अधिक फ्री होकर खेलने की जरूरत है। उसे रन बनाने की जरूरत है, स्पिन से निपटने के लिए उसे अपने प्लान बनाने होंगे क्योंकि वह सख्त हाथों से खेलता है। यह अच्छी सतहों के लिए अच्छा है, जहां गेंद अच्छी तरह से बैट पर आती है और तेज गेंदबाज आपकी ओर गेंदबाजी करता है। लेकिन जब गेंद घूम रही होती है और विकेट स्लो होती है, तो आपको अपने हाथों का उपयोग करने और अपने शॉट्स को कंट्रोल करने और चैक करने की आवश्यकता होती है। यह ऐसी चीज है जिस पर उसे काम करने की जरूरत है। हर समय वह एक ही तरीके से नहीं खेल सकते। हां, अगले टेस्ट से चार दिन बचे हैं, क्या आप अपने कौशल पर काम कर सकते हैं? मुझे लगता है कि यह सब मानसिकता है। आप निश्चित रूप से अपनी मानसिकता पर काम कर सकते हैं और आपके पास शुभमन गिल को मैनेज करने के लिए कोच (राहुल द्रविड़) के रूप में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति है।"
 
उन्होंने आगे कहा "उन्हें इतनी गुंजाइश दी गई है जो शायद चेतेश्वर पुजारा को भी नहीं मिली होगी, क्योंकि हालांकि उन्होंने (पुजारा) 100 से अधिक टेस्ट खेले हैं, मैं मुख्य रूप से उनके पास वापस आता रहता हूं क्योंकि बहुत पहले उनकी जगह नहीं थी। पुजारा ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में खेला था और उसके बाद शुभमन गिल ने अपना ओपनिंग स्लॉट छोड़ा था। वह खुद नंबर 3 पर बल्लेबाजी करना चाहते थे। इसलिए, जब आप नंबर 3 पर बल्लेबाजी करना चाहते हैं, खासकर भारत में क्योंकि आपके पास वह प्रतिभा है, तो आपको निश्चित रूप से अपने खेल पर काम करने की ज़रूरत है। उसके पास कौशल है, वह युवा है और सीख रहा है, लेकिन उसे विशाखापट्टनम में ऐसा करने की जरूरत है, अन्यथा उस पर दबाव होगा।"
 
शुभमन गिल ने अभी तक खेले 21 टेस्ट की 39 पारियों में 29.53 की औसत से 1063 ही रन बनाए हैं, इस दौरान उनके बल्ले से 4 अर्धशतक और दो शतक निकले हैं। अगर उनकी पिछली 10 टेस्ट पारियों पर नजर डालें तो उन्होंने 17.77 के औसत से सिर्फ 160 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने एक बार भी 50 रन का आंकड़ा पार नहीं किया जो चिंता का विषय है।
 

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