बेंगलुरु में हाल ही में एक घटना हुई, जहां एक कॉलेज स्टूडेंट अनुराग कुमार सिंह को ओला ऐप के जरिए कैब बुक करते समय अचानक किराए में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ा. कोलकाता से केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे पर उतरने के बाद उन्होंने ऐप पर 'मिनी' टैक्सी चुनी और टैक्सी बे में सबसे आगे खड़ी पहली कैब में बैठ गए. ऐप पर तो किराया ₹730 दिखा रहा था, पर मथिकेरे इलाके में पहुंचने पर ड्राइवर ने उनसे पूरे ₹5,000 मांगे. ये राशि काफी ज्यादा थी, जिससे अनुराग चौंक गए. उन्होंने अपना अनुभव टाइम्स ऑफ इंडिया से शेयर किया और कहा कि अगर वो पूरे शहर में घूमते भी तो इतना किराया नहीं होता.
कैंसिल हो चुकी थी राइड
स्टूडेंट ने बताया, 'ओटीपी डालने के बाद ऐप पर उसने मेरा नाम ढूंढ लिया. मंजिल पर पहुंचने पर उसने मुझे अपना फोन दिखाया और उस पर किराया ₹5,194 बताया. मैं हैरान रह गया. पूरे बेंगलुरु में घूमने पर भी ₹5,000 नहीं लगते.' फोन चेक करने पर, अनुराग को पता चला कि उनकी राइड कैंसिल हो चुकी थी और उनकी राइड को आधिकारिक रूप से बुक नहीं किया गया था. अनुराग अक्सर राइड बुक करने के बाद उसका स्क्रीनशॉट लेते थे, इसलिए जानते थे कि अगर किराए में गलती है तो इसकी शिकायत कैब कंपनी की कस्टमर सपोर्ट से की जा सकती है.
फिर देने पड़े 1,600 रुपये
कन्नड़ भाषा न जानने की वजह से परेशानी हुई, इसलिए अनुराग ने अपने पड़ोसियों से मदद मांगी, जिन्होंने ड्राइवर से बातचीत की. आखिरकार, ड्राइवर ₹1,600 में मान गया, जो कि शुरुआती किराये से दोगुना था. अनुराग ने बताया कि उसने ऐप और सोशल मीडिया के जरिए ओला से शिकायत की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
बढ़ता किराया बना चिंता का विषय
अनुराग के अनुभव से किराए में अचानक बढ़ोतरी होने पर यात्रियों को होने वाली दिक्कतों का पता चलता है. साथ ही ये भी पता चलता है कि कंपनियों का जल्दी जवाब देना कितना जरूरी है. ओला ने अभी तक इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. यात्रियों को यकीनन सतर्क रहना चाहिए, राइड की जानकारी का स्क्रीनशॉट लेना चाहिए और किसी भी गड़बड़ी की शिकायत तुरंत संबंधित कंपनी की ग्राहक सपोर्ट को करनी चाहिए. टेक्नोलॉजी से राइड को आसान बनाया जा सकता है.