वॉशिंगटन
वैज्ञानिकों ने एक सोए हुए वायरस के खतरों को लेकर चेतावनी दी है। आर्कटिक और अन्य स्थानों पर बर्फ की चोटियों के नीचे तबाही मचाने वाले वायरस दबे हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक पिघलने वाला आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट जोंबी वायरस निकाल सकता है। इससे उसी तरह की स्थिति पैदा हो सकती है, जैसे कोरोना काल में देखने को मिली। ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ते तापमान के कारण जमी हुई बर्फ पिघलने लगी है। इससे खतरा बढ़ गया है।
इस वायरस के खतरों को अच्छे से समझने के लिए एक वैज्ञानिक ने पिछले साल साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से लिए गए नमूनों से कुछ वायरस को फिर जिंदा किया गया था। ये वायरस जमीन में जमे हुए हजारों साल बिता चुके हैं। ऐक्स-मार्सिले यूनिवर्सिटी के आनुवंशिकीविद् जीन-मिशेल क्लेवरी ने कहा, 'फिलहाल महामारी के खतरों का विश्लेषण उन बीमारियों पर केंद्रित है, जो दक्षिणी क्षेत्रों में उभर सकती हैं और फिर उत्तर में फैल सकती हैं। उत्तर में उभर कर दक्षिण में फैलने वाली बीमारियों पर फोकस नहीं है और मेरा मानना है कि यह भूल है। उत्तर में ऐसे वायरस हैं जो नई महामारी शुरू कर सकते हैं।'
आ सकती है बड़ी महामारी
रॉटरडैम में इरास्मस मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिक मैरियन कूपमैन्स ने भी इसपर सहमति जताई और कहा, 'हम नहीं जानते की पर्माफ्रॉस्ट में कौन से वायरस मौजूद हैं। लेकिन मुझे लगता है कि सबसे बड़ा जोखिम है कि कोई वायरस ट्रिगर करने में सक्षम हो सकता है। एक बड़ी महामारी आ सकती है। यह कुछ भी हो सकता है। यह पोलियो का प्राचीन रूप हो सकता है।' हजारों वर्षों तक पर्माफ्रॉस्ट में दबे रहने के बावजूद जीवित वायरस एक कोशिका वाले जीवों को संक्रमित कर सकते हैं। इसका प्रदर्शन 2014 में साइबेरिया में क्लेवेरी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने किया था।
मिला था 48,500 साल पुराना वायरस
पिछले साल इससे जुड़ी जांच के बाद पब्लिश की गई जानकारी में पता चला सात अलग-अलग साइबेरियाई स्थानों से कई वायरस संक्रमण फैलाने में सक्षम थे। एक वायरस का नमूना 48,500 साल पुराना है। क्लेवरी ने कहा, 'जिन वायरस को हमने अलग किया था, वे केवल अमीबा को संक्रमित करने में सक्षम थे और मनुष्यों के लिए कोई खतरा नहीं थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वर्तमान में पर्माफ्रॉस्ट में जमे वायरस ऐसा करने में सक्षम नहीं हो सकते।' उत्तरी गोलार्ध का पांचवां हिस्सा पर्माफ्रॉस्ट से ढका है। यह एक टाइम कैप्सूल जैसा है, जिसमें कई प्राचीन जीवों के अवशेष समेत ममीकृत वायरस हैं।