कटक
ओडिशा के पुनर्विकसित कटक रेलवे स्टेशन पर शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और 'बाली जात्रा' की झलक दर्शायी जाएगी। पूर्व तट रेलवे ने यह जानकारी दी। स्टेशन का पुनर्विकास पिछले साल अप्रैल में शुरू हुआ था और यह अगले वर्ष तक पूरा हो जाएगा।
पूर्व तट रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे) के मुख्य अभियंता (निर्माण) अजय कुमार सामल ने कहा, ‘बाली जात्रा’ शहर की एक समृद्ध प्राचीन परंपरा है और हमने इसे मुख्य स्टेशन की इमारत में प्रमुख स्थान देने का फैसला किया है।''
ओडिशा के लोग पुराने समय में व्यापार के लिए महानदी के किनारे से बाली, जावा, सुमात्रा और श्रीलंका जैसे स्थानों की ओर जाते थे। शहर से जुड़े इस समुद्री इतिहास का जश्न मनाने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर एक मेले का आयोजन कर ‘बाली जात्रा’ आयोजित की जाती है।
सामल ने कहा, ‘एक बड़ी नाव, जिसे स्थानीय रूप से ‘बोइता’ कहा जाता है, को महानदी में उतारा जाता है और यह परंपरा का प्रतीक है। मुख्य स्टेशन की इमारत इसकी (बाली जात्रा की) झलक को संजोएगी।”
अधिकारी ने कहा, ‘इसके अलावा, स्टेशन की भीतरी दीवारों जैसे प्रतीक्षालय आदि में स्थानीय आदिवासी पेंटिंग होंगी जो शहर की परंपरा को दर्शाती है।’ कटक स्टेशन का पुनर्विकास भारतीय रेलवे की ‘अमृत स्टेशन योजना’ के तहत किया जा रहा है।