भोपाल
हिमालय की पहाड़ी में हो रही बर्फबारी का असर राजधानी में दिखने लगा है। सर्द हवाओं के खौफ से राजधानी पिछले कई दिनों से ठिठुरन रही है। सुबह घने कोहरे के बीच सूरज के नरम तेवर बता रहे हैं कि इस समय उसका जादू नहीं चल पा रहा है। स्थिति यह है कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सक्रिय जेट स्ट्रीम के असर से ठंड का प्रभाव लगातार बना हुआ है।
हवाओं का रुख भी उत्तरी होने से प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। अगले 24 घंटों के बारे में मौसम विभाग का अनुमान है कि आसमान में हल्के बादल छाये रहेंगे और हवा का रूख उत्तरपूर्वी होने के कारण ठंडक का अहसास बना रहेगा। राजधानी का अधिकतम तापमान भी तीन डिग्री गिर कर 22.9 पर आ गया है जबकि न्यूनतम तापमान भी अब 7.4 पर पहुंच गया है। प्रदेश में सबसे कम तीन डिग्री सेल्सियस तापमान दतिया में दर्ज किया गया। दतिया में शीतलहर रही। प्रदेश के 20 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम बना हुआ है। इसमें राजधानी भी शामिल है।
बन रही है द्रोणिका
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार वर्तमान में कर्नाटक से लेकर छत्तीसगढ़ तक द्रोणिका बनी हुई है, जो विदर्भ से होकर गुजर रही है। मराठवाड़ा में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। हालांकि इन दोनों मौसम प्रणालियों का प्रदेश के मौसम पर विशेष असर नहीं है, लेकिन उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र में 12 किलोमीटर की ऊंचाई पर वेस्टर्न जेट स्ट्रीम (पश्चिम से पूर्व की तरफ तीव्र गति से चल रही हवाओं का समूह) सक्रिय है। इसमें लगभग 300 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। यही वजह से है कि कड़ाके की सर्दी लगातार बनी हुई है। अगले तीन दिनों में आसमान साफ रहने से दिन के तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।