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नाली भ्रष्टाचार के आरोपी नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को मामले से बचाने व राहत दिलाने जुटे कुछ दावेदार और कुछ शिकायतकर्ता…राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के चलते शहर का विकास ठप्प…प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद भी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस क्यों नहीं हैं गंभीर…?

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मुंगेली/ राजनीति में कब क्या हो जाये इसका कोई ठिकाना नहीं, कहा जाता हैं कि राजनीति में कोई किसी का स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता। यह बात मुंगेली नपा के लिए फिट बैठती हैं क्योंकि नगर पालिका के भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के पार्षदों द्वारा शहर के ही रायपुर रोड स्थित वार्ड नम्बर 8 में बिना नाली निर्माण के करीब 13 लाख रुपये आहरित करने की कलेक्टर से शिकायत की गई, साथ में शहर कांग्रेस कमेटी सहित नेताओं द्वारा भी ज्ञापन दिया गया था, शिकायत पर कलेक्टर ने SDM को मामले की जाँच करने कहा, जांच उपरांत एसडीएम ने कलेक्टर को जांच रिपोर्ट पेश कर दिया, एसडीएम के जांच में बिना नाली निर्माण किये भुगतान कर राशि गबन करना पाया गया, जिसके बाद कलेक्टर ने CMO को FIR दर्ज करने निर्देशित किया, जिसके बाद कोतवाली में नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर सहित 6 लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420, 120 (B), 409, 467, 468 और 468 का अपराध दर्ज कर लिया गया, मुंगेली न्यायालय से भी आरोपी संतुलाल सोनकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी हैं, FIR होने के बाद से आरोपी नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर फरार हैं, जिसके चलते स्वतंत्रता दिवस पर नगर पालिका कार्यालय में उपाध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया गया था, राज्य शासन से संतुलाल सोनकर को नोटिस भी जारी किया गया हैं, जिसमें 15 दिवस के भीतर जवाब देने कहा गया था, जानकारी के मुताबिक नोटिस तामीली होने के बाद अभी 15 दिन पूरा होना अभी शेष हैं, लेकिन अभी से कांग्रेस-भाजपा के कुछ दावेदार चुनावी माहौल बनाने शुरू कर दिए हैं, जिसके चलते पार्षदों की खरीद-फरोख्त हेतु प्लानिंग किये जाने की जानकारी मिल रही हैं, चुनाव होगा या नहीं यह तो आने वाला वक्त बतायेगा ? परंतु अब मुंगेलीवासियों के बीच हो रहे चर्चे में यह बात छनकर आ रही हैं कि अध्यक्ष पद के कुछ दावेदार और कुछ शिकायतकर्ता ही आरोपी संतुलाल सोनकर को इस केस से अलग कर उन्हें बचाने या राहत दिलाने बेहद प्रयास कर रहे हैं इसके लिए वे आये दिन विशेषज्ञों और उनके संपर्क-सूत्रों से भी मिल रहे हैं और उन्हें आश्वासन दे रहे हैं, आरोपी संतुलाल सोनकर को मामले व केस से अलग करने/राहत दिलाने की बात के पीछे इन दावेदारों की क्या मंशा हैं ? या कोई विशेष लाभ लेने का प्रयास लिया जा रहा ? यह कोई नहीं समझ पा रहा, इस प्रकार के प्रयास से मुंगेली की राजनीति उफान पर हैं, मामले में मैनेजमेंट के लिए वे ही शख्स भिड़े हुए हैं जो कभी ज्ञापन देकर आरोपी नपा अध्यक्ष संतुलाल सोनकर के खिलाफ में शिकायतें करते थे, हो सकता हैं मामलें में कोई बड़ा खेल चल रहा होगा ? बहरहाल इन सभी क्रियाकलापों से नुकसान तो मुंगेली शहर का ही हैं। मामलें में आरोपीगण पुलिस के पहुंच के बाहर हैं, पुलिस आरोपियों को पकड़ने सक्रियता या गंभीरता क्यों नहीं दिखा रही ? जबकि स्वतंत्रता दिवस के दिन पत्रकारों से चर्चा के दौरान प्रभारी मंत्री रुद्रगुरु ने कहा था कि मामले के आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए वे पुलिस विभाग को निर्दर्शित करेंगे।