रामेश्वरम.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को धनुषकोडी में श्री कोठंडारामस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। वह अरिचल मुनाई भी गए। कहा जाता है कि अरिचल मुनाई वह स्थान है जहां राम सेतु का निर्माण हुआ था। कोठंडाराम का अर्थ है धनुषधारी राम। ऐसा कहा जाता है कि धनुषकोडी ही वो जगह है, जहां भगवान राम ने रावण को हराने की शपथ ली थी। यहीं की पवित्र मिट्टी से वह लंका के लिए आगे बढ़े थे। यह भारत के लचीलेपन और चुनौती आने पर विजय की क्षमता का प्रतीक है।
शनिवार को उन्होंने श्रीरंगम और रामेश्वरम में श्री रंगनाथस्वामी और अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिरों का दौरा किया था। उन्होंने अग्नि तीर्थ तट पर स्नान करने के बाद यहां भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की। रुद्राक्ष-माला पहने नजर आए मोदी ने तमिलनाडु के प्राचीन शिव मंदिर रामनाथस्वामी में पूजा की। पुजारियों ने मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मोदी ने मंदिर में हुए भजनों में भी हिस्सा लिया। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम द्वीप में स्थित शिव मंदिर का संबंध रामायण से भी जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने यहां शिवलिंग स्थापित किया था। भगवान राम और सीता देवी ने यहां पूजा की थी।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिरों का दौरा
पीएम मोदी की ओर से मंदिरों का दौरा उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले हो रहा है। अयोध्या के पूर्व राजा का भव्य आवास राज सदन, विभिन्न मंदिर और यहां अन्य इमारतें प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर रोशनी से जगमगा उठी हैं, जिससे इस मंदिर नगरी में दिवाली उत्सव जैसा माहौल बन गया है। प्राचीन अयोध्या नगरी को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। खासतौर से राम पथ और धर्म पथ की साज-सज्जा देखने लायक है। अयोध्या की गलियों में 'राम आएंगे' और 'अवध में राम आए हैं'' जैसी गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। मंदिर शहर की इमारतें भगवा ध्वज से पटी पड़ी हैं।