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वनवास से जब अवध आए थे भगवान तब भी नहीं हुआ होगा इतना बड़ा मंगल उत्सव: संत विजय कौशल महाराज

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रायपुर
हमारी बृज की परंपरा है कि अगर बिटिया की शादी हो रही है तो ससुराल में ढोलक तो कम बजता है लेकिन ननिहाल में उससे कहीं ज्यादा। अयोध्या में कल ढोलक बजेगी लेकिन नानी के यहां आज से ही ढोलक बजनी शुरू हो गई है क्योंकि नानी का परिवार ज्यादा खुश है। भगवान राम के ननिहाल में आज से उत्सव प्रारंभ हो गया है यह संदेश अयोध्या आज ही पहुंच चुका है। वनवास से जब अवध आए थे भगवान तब भी नहीं हुआ होगा इतना बड़ा मंगल उत्सव, आज पूरा देश राममय है।

दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में संत विजय कौशल महाराज ने श्रीराम कथा की रविवार से शुरूआत की। उन्होने कहा कि आज पूरा देश राम मय है, झोपड़ी से लेकर राजभवन तक दमक रहा है चमक रहा है, उछल रहा है, नाच रहा है, जगमगा रहा है, जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरी कर श्रीअवध पधारे थे, मुझे नहीं लगता कि इतना बड़ा मंगल उत्सव उस समय हुआ होगा जो आज हो रहा है। विश्व का हर सनातनी जहां बैठा है वहां झंडी लगा रहा है, रामा-रामा गा रहा है, जय-जय कार कर रहा है। ऐसा लगता है एक हृदय ही धड़कन हो गया है श्रीराम प्रतिष्ठा महोत्सव।

550 वर्षों से एक संकल्प लेकर हमने भगवान श्रीराम को विराजमान करने का निर्णय लिया था जो कल हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों के द्वारा होने जा रहा है। इस अवसर पर देश के विशिष्ट संत उपस्थित रहेंगे, मुझे भी वहां उपस्थित होना था लेकिन मनोज गोयल ने कहा कि अयोध्या तो सब रह जाएंगे कहीं ननिहाल सुनी न रह जाए इसलिए यहां कथा करने आया हूं । इसलिए वहां उपस्थित नहीं हो पाया क्योंकि मैं भी उस संकल्पित आंदोलन से जुड़ा हुआ एक व्यक्ति था। पहला प्रस्ताव हमारे द्वारा ही आयोजित किया गया था। उस हिन्दू सम्मेलन में एक से डेड़ लाख लोग आए थे।

जीवन में जब शुभ मुहूर्त आता है, प्रभु की कृपा प्रकट होती है, तो व्यक्ति को भगवत चरित्र शुरू करने का सौभाग्य मिलता है। गोस्वामी जी ने लिखा भी है कि बड़े भाग्य तारी….। अतिहरि कृपा से सत्संग मिलता है। मुश्किलें बहुत है, घर के झंझट है सत्संग में जाने के लिए । लेकिन भगवान जिसको हाथ पकड़कर उठाकर ले आता है वही आता है बाकी सब सोए रह जाते है। सोया हुआ व्यक्ति सोचता है आज नहीं तो कल चले जाएंगे सत्संग सुनने, कल तो नहीं आता लेकिन कुछ और आ जाता है। इसलिए हमारे आचार्य लोग गाते रहते है जो कल करना सो आज कर लेना….। भगवान से बात करना तो बहुत कठिन लगता है लेकिन यह असंभव नहीं है, इसलिए सरल क्या है जहां पर भगवान की बातें हो रही हो बैठकर सुन लो इसलिए कथा को वार्ता भी कहा गया है। भगवान की बातें सुनो, जो बातें हम सुनते है उन्हीं बातों को हम जगह-जगह बोलते है। कानों से जो सुना जाता है होंठ उसे दिनभर बोला करता है। राजनीति, व्यापार, खेल और ऐसे कई बाते है जो आप सुनते हो होंठ वही बात सुनता है, अगर हम भगवान की बात सुनेंगे तो होठ हमें भगवान की बातें ही दिनभर सुनाता रहेगा। जो होंठ बोलते है हृदय हमारा वही हो जाया करता है, हमारा हृदय कैसा है इसकी पहचान होंठ से होती है। जिसका मन कड़वा होगा उसका मन कभी साफ हो ही नहीं सकता। वही जाता है जो हम कानों से सुनते है और वह हमारे मन में बैठ जाता है हृदय के जरिए होठ उसी की चर्चा करते रहता है। इसलिए हमारे होंठ भगवान की चर्चा व बातें करें, बातें करना यानी भगवान का भजन ही करना है।

मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि जिनके भी मन में यह इच्छा है कि भगवान के साक्षात दर्शन हो और यह स्वप्न में ही होता है। भगवान कभी भी साक्षात प्रकट नहीं होते है, वह स्वप्न में ही होगा। भगवान जब किसी को दर्शन देता है तो उसे गफलत में डाल देता है, एक प्रकार से उसे मूर्छित कर देता है। जब उसे दर्शन के बाद होश आता है तो वह रोता है और कहता है भगवान कहां गए। हमारी आँखें जो है भगवान के साक्षात दर्शन नहीं कर सकती, कौशल्या और यशोदा जी को भी भगवान ने स्वप्न में ही दर्शन दिया था। भगवान के दर्शन की अगर लालसा है तो कहीं पर भी मत भटकिए बस भगवान की कथा सुन लीजिए। जिनको भी भगवान के दर्शन हुए है वह कथा से हुए है और कथा से ही होता है और कथा से ही होगा। संत विजय कौशल महाराज ने श्रीराम कथा में कहा कि कलयुग में केवल राम नाम का आधार है,नाम कभी खंडित नहीं होता है। भाव में कुभाव में,गलती हो या जबर्दस्ती हो जिस भी स्थिति में हो केवल राम का नाम जपो तो ही कल्याण है। जिस प्रकार बिजली की खंभे को जाने या अनजाने में हो छू लेने से केवल करंट ही मारता है। वैसे ही भगवान को सोते-जागते,खाते-पीते,भूल भी गए तो फिर से जप लो। जैसे भी हो नाम लो,कलयुग में किसी और फजीहत में न पड़े केवल प्रभु का नाम लें। आप जो भी भगवान के नाम ले रहे हो वो सब नाम भगवान के ही है।

राम कथा आयोजन समिति के समन्वयक व संयोजक कैलाश अग्रवाल, सचिव मनोज गोयल, मुख्य यजमान के रुप में हर्षित व पलक गोपाल, कुंज बिहारी गोयल धीरज अग्रवाल, गजानंद अग्रवाल, वीरेंद्र गोपाल, रामअवतार गायत्री अग्रवाल की उपस्थिति में संत विजय कौशल महाराज ने चांदी का सिक्का देकर श्रीरामजानकी अंकित सिक्के का विमोचन किया।  बृजलाल गोयल चूंकि अयोध्या प्रवास पर गए हुए है इसलिए उनकी जगह हर्षित, आशीष अर्चना व पलक गोपाल ने सिक्का प्राप्त किया। रायपुर ग्रामीण के पूर्व विधायक सत्यनारायण शर्मा भी कथा श्रवण करने उपस्थित थे।

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