Home छत्तीसगढ़ CG: जगदीप धनखड़ बोले- अब हम किसी के मोहताज नहीं

CG: जगदीप धनखड़ बोले- अब हम किसी के मोहताज नहीं

8
0

रायपुर.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रायपुर के जोरा स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में छात्रों से कहा कि आज के युग में देश में प्रतिभा चमकाने के इतने शुभ अवसर मिले हैं, जितने पहले कभी नहीं थे। अब भारत पूरी तरह से बदल चुका हैं। हमारी सोच बदल चुकी है। अब हम दुनिया में किसी के मोहताज नहीं हैं। हमने अपनी 5000 साल की संस्कृति को सबके सामने रख दिया है। दुनिया ने भी इसे लोहा माना है।

इसे पहचान लिया  है। यही वजह है कि आज का भारत विकास के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया की संस्थाएं भारत की तारीफ कर रही हैं। वो कह रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व का चमकता हुआ सितारा है। विश्व में तेजी से बढ़ती हुई हमारी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि पहले हम जिन देशों को देखते थे, वो वह हमारे सपने में भी आते थे। कनाडा, यूके, फ्रांस, जर्मनी और जापान को देखकर हम सोचते थे कि क्या ऐसी व्यवस्था हमारे भारत में भी होगी  पर आज यह जमीनी हकीकत है। इस सफलता में हम सब का प्रयास है। सबकी सहभागिता है। हम विश्व के तेजी से उभरते लीडर रूप में कार्य कर रहे हैं। यह भारत के लिए सम्मान का विषय है। एक साल में अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी में जितने डिजिटल ट्रांजेक्शन होते हैं, जबकि हमारे भारत में तीन-चार गुना होते हैं। यह हमारे देश की उपलब्धि है। भारत के युवा शक्ति का कोई मुकाबला नहीं है। ये हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें भारतीय होने में गर्व है। हारने के डर से आप कोशिश नहीं करेंगे तो आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे। उसमें आपका फायदा कम नुकसान ज्यादा है। कृषि के क्षेत्र में इसकी ज्यादा आवश्यकता है। छात्रों से कहा कि भारत सरकार की जितनी नीतियां हैं, सहकारिता विभाग में क्या-क्या हुआ है ? उनमें से आप कुछ कर सकें तो बदलाव का केंद्र बनेंगे। गांव में क्रांति आएगी।

'जब प्रोफेसर कुरियन से कहा गया कि भारतीयो से भी सीखें'
उन्होंने एक वाकया को बताते हुए कहा क जब वो 1989 में लोकसभा के सदस्य और केंद्र में मंत्री बने, उस समय अमूल का बहुत बड़ा नाम था और आज भी है। उस दौरान फेमस वैज्ञानिक प्रोफेसर कुरियन को बुलाया गया था। उस दौर में लोकसभा के चार सदस्य थे, जिनसे उनका साक्षात्कार होना था। उस समय वहां के प्रधानमंत्री ने कुरियन से कहा कि तुम बहुत बड़े वैज्ञानिक हो, लेकिन उन्होंने (भारतीयों) तो जन्म ही गांव में लिया है। इनका पांव गोबर में रहा है। इन्होंने गाय और भैंस के थान देखे हैं, इन्होंने कुएं से पानी निकलता हुआ देखा है, खेत में बैल, घोड़े देखे हैं, कुछ उनसे भी सीख लो।

वैल्यू एडिशन का दौर
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि अब आप सीखने लायक हो, देश के किसी भी शहर में चले जाइए। डेयरी का व्यवसाय वह व्यक्ति कर रहा है, जिसने आईआईटी, आईआईएम से पढ़ा है। इसी तरह सब्जी का व्यापार वह व्यक्ति कर रहा है, जिसने बहुत बड़ी सरकारी नौकरी छोड़ी है। वैल्यू एडिशन में बहुत कुछ हो रहा है। एग्रीकल्चर में असीम  स्टार्टअप की संभावनाएं हैं। आज की व्यवस्था में पैसे की कोई कमी नहीं है। बड़े-बड़े उद्योग इसी मामले में आगे बढ़ रहे हैं।

'हमारे चंद्रयान ने बता दिया कि कुछ भी समित नहीं'
उन्होंने कहा कि पहले जाता था आकाश सीमित है लेकिन हमारे चंद्रयान ने बता दिया कि कुछ भी समित नहीं है। उन्होंने छात्रों को संसद में विजिट करके के लिए न्योता देते हुए कहा कि आपका स्वागत है। आप कुछ सीखने के लिए आएंगे तो वहां पर वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे। साइंस और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

सीएम साय ने दी बधाई
मुख्यमंत्री साय ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकों, वैज्ञानिकों, छात्रों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्थापना दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया है। विभिन्न फसलों की 160 से अधिक किस्में विकसित की गई हैं। 100 से अधिक उन्नत कृषि तकनीकों का भी विकास किया गया है।
इससे पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़, राज्यपाल हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री का पौधारोपण किया। उपराष्ट्रपति ने कृषि स्टार्टअप, बायोटेक और कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी उपस्थित रहे। इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज शनिवार को सुबह में रायपुर पहुंचे। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट माना में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंद और सीएम विष्णुदेव साय ने उनका स्वागत किया। इसके अलावा कृषि मंत्री रामविचार नेताम, रायपुर कमिशनर संजय अलंग और अन्य अधिकारियों ने उन्हें पुष्प भेंटकर आत्मीय स्वागत किया।

कृषि शिक्षा, अनुसंधान में महती भूमिका निभा रहा विश्वविद्यालय
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना 20 जनवरी 1987 को हुई थी। इस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ प्रदेश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है। विश्वविद्यालय अपने 28 महाविद्यालयों, 08 अनुसंधान केन्द्रों एवं 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कर रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद 52 फसलों की लगभग 162 प्रजातियों का विकास किया गया है। कृषि से अधिक लाभ लेने के लिए 100 से अधिक तकनीकें विकसित की गई हैं।

ये हैं उपराष्ट्रपति का शेड्यूल
तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर 12.15 बजे राजभवन पहुंचेंगे। वहां से दोपहर 3.30 बजे प्रस्थान कर शाम 4.10 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रबोधन सत्र में शिरकत करेंगे। वहां पर नवनिर्वाचित विधायकों को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद शाम 5.20 बजे विधानसभा से प्रस्थान कर शाम 5.45 बजे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। शाम 5.50 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here