उज्जैन
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के एक दिन पूर्व 21 जनवरी को शहर के 101 कलाकार लगातार 12 घंटे नृत्य प्रस्तुति देंगे। इनमें चार साल से 66 साल तक के कलाकार शामिल हो रहे हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली इस प्रस्तुति में कलाकार रामायण के प्रसंगों और भजनों के साथ ही हनुमान चालीसा की चौपाइयों पर भी विशेष नृत्य की प्रस्तुतियां देते हुए अष्टयाम नृत्य सेवा करेंगे। वेणुनाद निनाद नृत्य एकेडमी के 101 कलाकार नृत्य गुरु पलक पटवर्धन के निर्देशन में यह विशेष प्रस्तुति देंगे। संस्था के सचिव समीर पटवर्धन ने बताया कि प्रभु श्रीराम के प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा आयोजित उत्सव में भोर से रात्रि तक लगातार 12 घंटे सतत नृत्य आराधना कर अष्टयाम नृत्य सेवा की जाएगी।
सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक प्रस्तुति
मंदिरों में सुबह की आरती से शयन तक यानी सुबह से लेकर रात्रि तक सेवा की जाती है, जिसे अष्टयाम सेवा कहते हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में कलाकार 21 जनवरी की सुबह 8 से रात 8 बजे तक लगातार अष्टयाम नृत्य सेवा करेंगे। नृत्य गुरु पटवर्धन ने बताया इस विशेष प्रस्तुति में श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन, हम कथा सुनाते श्रीराम की, जय राम सीताराम भजन, चाहे कृष्ण कहो या राम, बोलो राम राम राम सहित रामायण और श्रीराम पर आधारित 10 से अधिक विशेष प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
चार साल की ध्वनि, सावी भी देंगे प्रस्तुति
प्रस्तुति देने वाली कलाकारों में छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र तक की नृत्यांगनाएं भी शामिल हैं। विशेष रूप से चार वर्ष की ध्वनि अकोदिया और सावी उपाध्याय के अलावा 56 वर्षीय किरण रावल और 66 वर्षीय सुमन वर्मा भी इस प्रस्तुति का हिस्सा बनेंगी। रामायण और श्रीराम पर आधारित प्रस्तुतियों के अलावा दर्शकों को शुद्ध कथक नृत्य की प्रस्तुतियां भी अष्टयाम नृत्य सेवा में देखने को मिलेंगी। कलाकारों द्वारा इस विशेष प्रस्तुति के लिए पिछले एक सप्ताह से लगातार अभ्यास किया जा रहा है।
उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में पंजाब के लुधियाना से पधारे चन्दारानी पति राम द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रतिनिधि यश शर्मा की प्रेरणा से 1 नग चांदी का मुकुट और 2 नग चांदी के नागधारी कुंडल बाबा महाकाल को अर्पित किया गया। जिसका कुल वजन 3043.200 ग्राम है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के काउंटरकर्मी द्वारा प्राप्त कर विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थाएं दान के माध्यम से संचालित होती हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित निशुल्क अन्नक्षेत्र, गोशाला और चिकित्सा आदि में अपनी श्रद्धानुसार दान भी करते हैं। समय–समय पर मंदिर के अधिकारी, पुजारी, पुरोहितों और मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों व कर्मचारियों के माध्यम से भी भक्तों को मंदिर में दान करने के लिए प्रेरित किया जाता है।