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कुछ लोग ऐसे है जो निमंत्रण मिलने के बाद भी निमंत्रण ठुकराते है, ठुकराने वाले अभागे, परमात्मा सद्बुद्धि दें : सीएम मोहन यादव

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भोपाल
मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर की ओर से अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर लड्डुओं का प्रसाद भोपाल से विशेष रथों के जरिए रवाना किया गया। महाकालेश्वर से अयोध्या के लिए पांच लाख लड्डू प्रसादी को भोपाल में मानस भवन से रवाना करने के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बोले मंदिर बनाने वाले मंदिर बना रहे हैं, प्रतिष्ठा करने वाले प्रतिष्ठा कर रहे है, कुछ लोग ऐसे है जो निमंत्रण मिलने के बाद भी निमंत्रण ठुकराते है, क्या दुर्भाग्य है।

 हम उनके लिए सद्भावना की कामना करते है… भगवान महाकाल उन्हें सद्बुद्धि दे… हो सकता है 22 तारीख तक उन्हें समझ आए, और वे भी भगवान श्री राम के स्वरुप को निहारे और दर्शन करने जाएं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ये अयोध्या का मंदिर भी सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बनाया गया था। अयोध्या का उज्जैन से संबंध बनाने का जो समर्पण था। एक तरह से वापस वो युग हमारे अपने सामने पलट रहा है। एक बार फिर भगवान राम अपने गर्भगृह में 500 साल के संघर्ष के बाद प्रवेश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की धरती से 2000 साल पहले भी यह घटना घटी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने बताया था कि अयोध्या का वर्तमान रूप 2000 साल पहले सम्राट विक्रमादित्य के काल का है, पूरी अयोध्या का जीर्णोधार करके वापस नया रूप देकर बनाया गया था। महर्षि वाल्मीकि जी के माध्यम से उनके जीवन के विविध प्रसंगों को जन-जन तक पहुंचाने का काम हुआ है। सच्चे अर्थों में ये बात अद्भुत है। भगवान राम को आए और गए में 17 लाख साल हो गए। लेकिन लाख साल बाद भी वो घटना ऐसे लगती है जैसे कल की बात हो।

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