भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी की आपात बैठक
काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। तालिबान ने दावा किया है कि आरजकता रोकने के लिए वह काबुल में घुसा है। इधर, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ चुके हैं। इसके अलावा कई और सांसद भी देश छोड़कर जा चुके हैं। वहीं, तालिबान विद्रोहियों के डर से आम नागरिक भी अफगान छोड़ रहे हैं, काबुल एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ देखी जा रही है। कई देशों के अधिकारी भी काबुल एयरपोर्ट से रवाना हो रहे हैं।
भगदड़ में घायल की खबर नहीं
इसी बीच काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग की खबर है। हालांकि, अभी तक गोलीबारी में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन एयरपोर्ट पर हर तरफ भगदड़ की स्थिति मची है। फायरिंग के बाद मची भगदड़ में कई लोगों को घायल होने की भी खबर है। फिलहाल अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है । सोशल मीडिया पर एक यूजर ने काबुल एयरपोर्ट पर मची अफरा तफरी का वीडियो शेयर किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बड़ी में लोग इधर उधर भाग रहे हैं, इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के हालात को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। अफगानिस्तान के हालात को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक होने जा रही है।भारतीय समय के अनुसार, शाम साढ़े सात बजे बैठक होगी। बैठक की अध्यक्षता भारत करेगा।
अफगानिस्तान की ओर से कौन रखेगा पक्ष
बैठक की अध्यक्षता के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले से ही न्यूयॉर्क में मौजूद हैं, लेकिन पिछले 24 घंटों के भीतर अफगानिस्तान में जिस तेजी से घटनाक्रम बदला है, उस लिहाज से यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। हालांकि, सबसे अहम सवाल यह है कि इस बैठक में अफगानिस्तान की ओर से प्रतिनिधि कौन होगा और अफगानिस्तान का पक्ष कैसे रखेगा।
ट्रंप ने खड़े किए सवाल
वहीं, अफगानिस्तान में बिगड़ रहे हालात पर अमेरिका की नीतियों को लेकर अब उसी देश के भीरत सवाल उठने लगे हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ये अमेरिका की सबसे बड़ी हार है। काबुल में राष्ट्रपति पैलेस पर तालिबान के कब्जे और अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने की खबर के बाद ट्रंप ने यह बयान दिया। हालांकि, अमेरिका विदेश विभाग ने इस सभी आरोपों से इनकार किया है।