जबलपुर
मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में बुधवार को सीबीआई ने हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश की। बंद लिफाफे में 308 नर्सिंग कॉलेज की रिपोर्ट दी गई है। सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध 50 कॉलेज की जांच पर सुप्रीम कोर्ट की रोक होने के कारण उनकी जांच नहीं की जा सकी है।
अब कोर्ट को इस रिपोर्ट के आधार पर यह तय करना है कि कौन कॉलेज चलेंगे और कौन कॉलेज बंद कर दिए जाएंगे. वहीं अगली सुनवाई में जिन कॉलेजों को क्लीनचिट मिली है, उनके छात्रों को परीक्षा के लिए हरी झंडी मिल सकती है.
कोर्ट तय करेगा कौन वैध, कौन अवैध : नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े को लेकर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई. सीबीआई ने विश्वविद्यालय से संबंद्धता वाले सभी 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की. मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा संबद्धता लेने वाले कल 358 कॉलेज हैं. इनमें से 50 कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला हुआ है. बाकी 308 कॉलेजों की जांच सीबीआई ने की थी. यूनिवर्सिटी से संबंधित इन 308 कॉलेज की जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की गई है. सीबीआई ने किस कॉलेज को सही माना है और किसे गलत, यह तो कोर्ट ही देखेगा.
अगली सुनवाई पर निगाहें : इस मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी के लिए रखी गई है. नर्सिंग कोर्स में एडमिशन लेने वाले लगभग करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स की 2020 के बाद से अब तक फर्स्ट ईयर की ही परीक्षा नहीं हुई है. हाई कोर्ट नर्सिंग छात्र-छात्राओं की परीक्षा करवाने की अनुमति दे सकता है. सीबीआई द्वारा जिन नर्सिंग कॉलेजों की जांच की की गई है वे मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय से संबंधित नर्सिंग कॉलेज हैं और नर्सिंग के डिग्री कोर्स संचालित करते हैं. अभी भी लगभग 350 कॉलेज ऐसे हैं, जो नर्सिंग काउंसिल से अनुमति प्राप्त हैं. उनकी जांच होनी बाकी है. हालांकि इस बारे में कोर्ट की सुनवाई के दौरान चर्चा नहीं हुई.