Home Uncategorized वेटरनरी यूनिवर्सिटी कुलपति की नियुक्ति, हाईकोर्ट के फैसले के अधीन होगी

वेटरनरी यूनिवर्सिटी कुलपति की नियुक्ति, हाईकोर्ट के फैसले के अधीन होगी

13
0

जबलपुर
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति की नियुक्ति का मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है. कोर्ट ने अब कुलपति की नियुक्ति को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है. जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इस अंतरिम आदेश के साथ ही राज्य शासन, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए है.

यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (वेटरनरी यूनिवर्सिटी), जबलपुर के कुलपति की नियुक्ति को लेकर विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. जीपी पांडे की ओर से एक याचिका दायर की गई है. अधिवक्ता केके अग्निहोत्री, सुनील रजक, योगेश चौरसिया व अनमोल चौकसे ने उनका पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि वेटरनरी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के लिए चार अक्टूबर, 2023 को राजभवन, भोपाल से विज्ञापन जारी किया गया था. इसकी कंडिका क्रमांक-तीन में जोड़ी गई नई शर्तें यह है कि आवेदक का जन्म एक मार्च, 1959 को या उसके पूर्व न हुआ हो. याचिका में  इसे चुनौती दी गई है.

जवाब पेश करने के दिए है निर्देश
सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि नया संशोधन बिना एक्ट-2009 में संशोधन किए जोड़ दिया गया है. इसलिए विधि विरुद्ध शर्त को हटाया जाना चाहिए. इसके बाद जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कुलपति की नियुक्ति को विचाराधीन याचिका के अंतिम फैसले की अधीन करने के साथ ही राज्य शासन, प्रमुख सचिव,उच्च शिक्षा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए है.

सेवानिवृत्त न करने को लेकर  कराई गई है आपत्ति दर्ज
यहां बताते चले कि पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. जीपी पांडे की ओर से एक अन्य याचिका में कुलसचिव को सेवानिवृत्त न करने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने उनका पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि विश्वविद्यालय अधिनियम-2009 की धारा 14 (3) में रजिस्ट्रार पद की रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष है. वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत जोशी 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद भी रजिस्ट्रार पद पर कार्यरत हैं. इस अधिनियम के अनुसार शासन द्वारा नियुक्त रजिस्ट्रार 62 वर्ष की आयु के पश्चात रजिस्ट्रार पद पर कार्य नहीं कर सकता और वह रजिस्ट्रार पद से रिटायर हो जाएगा.

दरअसल, याचिकाकर्ता, जो कि पूर्व रजिस्ट्रार थे,उन्हें राज्य शासन द्वारा 62 वर्ष की आयु पूर्ण हो जाने के कारण रजिस्ट्रार पद से हटा दिया था.इसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट याचिका दायर किया था.उस वक्त हाईकोर्ट ने शासन के फैसले को सही माना था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here