नई दिल्ली.
पेट्रोल-डीजल की कीमत में अगले महीने तेज गिरावट की उम्मीद है. आम चुनाव से पहले तेल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) ऐसा कर सकती हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कीमतों में 5 से 10 रुपये प्रति लीटर की गिरावट देखने को मिल सकती है. एक अधिकारी के अनुसार, अभी कंपनियां तकरीबन 10 रुपये अतिरिक्त के मुनाफे पर बैठी हैं जिसे आराम से कम किया जा सकता है.
तेल मार्केटिंग कंपनियों के लिए कच्चा तेल खरीदना काफी सस्ता हो चुका है. जबकि अप्रैल 2022 के बाद ईंधन की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. देश की तीन बड़ी तेल मार्केटिंग कंपनियों का सम्मिलित रूप से मुनाफा 75,000 करोड़ रुपये को पार कर सकता है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली और दूसरी तिमाही में तेल मार्केटिंग कंपनियों का मुनाफा जबरदस्त रहा है. ऐसा ऊंचे मार्केटिंग मार्जिन की वजह से संभव हो पाया है. ऐसा माना जा रहा है कि तीसरी तिमाही में भी मुनाफे का यह ट्रेंड जारी रह सकता है. इन नतीजों के बाद कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी कर सकती हैं.
5000 गुना बढ़ा प्रॉफिट
देश की तीनों ओएमसी में पर मालिकाना अधिकार सरकार का है वह इनकी प्रमोटर भी है. जारी वित्त वर्ष की 2 तिमाहियों में इन तीनों कंपनियों का नेट प्रॉफिट ₹57,091.87 करोड़ रुपये रहा है. यह पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के कुल ₹1,137.89 करोड़ के मुनाफे के मुकाबले 4,917% अधिक है.
कब आएंगे नतीजे
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम 27 जनवरी को तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करेगी. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) भी इसी के आसपास अपने तिमाही नतीजे जारी कर सकते हैं. हालांकि, एचपी को छोड़कर बाकी दोनों कंपनियों ने इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की है. पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने को लेकर तीनों ही कंपनियों ने अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है. सरकार की तरफ से भी कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है. हालांकि, 3 सरकारी अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर इस बात की पुष्टि जरूर की है कि कीमतों में बदलाव होना लगभग तय है.
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को हुआ है तगड़ा मुनाफा
सूत्रों ने संकेत दिया है कि तीन ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) को वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में तगड़ा मुनाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले 4917 पर्सेंट का इजाफा देखने को मिला है। एक सूत्र ने बताया है, 'पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर हायर मार्केटिंग मार्जिन के कारण 3 ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को वित्त वर्ष 2023-24 की पहली और दूसरी तिमाही में तगड़ा मुनाफा हुआ है और यह ट्रेंड तीसरी तिमाही में भी देखने को मिल सकता है। इस वजह से कंपनियां इस महीने के आखिर तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 से 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने पर विचार कर सकती हैं।'
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को जुलाई-सितंबर तिमाही में 5826.96 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ था। लो क्रूड प्राइसेज और हायर ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) की वजह से मुनाफे में यह उछाल आया था। वहीं, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) को सितंबर 2023 तिमाही में 8244 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ है।
क्या होगा असर?
अगर पेट्रोल-डीजल सस्ता होता है तो महंगाई भी काफी हद तक घटेगी. माल ढुलाई का खर्च गिरेगा जिससे एक राज्य से दूसरे राज्य में खाद्य वस्तुओं को पहुंचाना सस्ता होगा. बता दें कि दिसंबर में खुदरा महंगाई लगभग 5.69 फीसदी तक पहुंच गई. यह 6 फीसदी के संतोषजनक दायरे को तोड़ने के बेहद करीब है. थोक मंहगाई दर भी लगातार 2 महीने से बढ़ी है. नवंबर और दिसंबर में थोक महंगाई दर शून्य से ऊपर आ गई. जबकि इससे पहले कई महीनों तक यह माइनस में चल रही थी.