ग्रामीण सड़कों के ब्लेक स्पॉट्स की पहचान एवं परिशोधन की कार्यवाही जरूरी : ग्रामीण विकास मंत्री पटेल
म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के कार्यों की मंत्रालय में समीक्षा: मंत्री पटेल
भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (एमपीआरआरडीए) के कार्यों की समीक्षा की। मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुतन्वी सुंद्रीयाल ने एमपीआरआरडीए के कार्यों की जानकारियों से पॉवर प्रजेंटेशन द्वारा अवगत कराया। मंत्री पटेल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की शेष रही आबादी की रोड कनेक्टिविटी के लिये सभी आवश्यक प्रबंध करेंगे।
मंत्री पटेल ने कनेक्टिंग सड़कों पर ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दुर्घटना वाले क्षेत्रों में ब्लेक स्पॉट्स की पहचान और परिशोधन की कार्यवाही प्रभावी होना जरूरी है। मंत्री पटेल ने निर्माण कार्यों के क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम की जानकारी भी ली। बैठक में विभागीय उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में भी अवगत कराया गया।
बैठक में एमपीआरआरडीए द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों के बारे में अवगत कराया गया। दिक्कतों के निराकरण के सुझावों पर भी गंभीरता से विचार-विमर्श हुआ। मंत्री पटेल ने कहा कि परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिये सभी स्तर पर समग्र प्रयास किये जायेंगे।
मंत्री पटेल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय), ग्रेवल सड़कें, बारहमासी सड़कें और अन्य सड़कों के मरम्मतीकरण, नई सड़कों के निर्माण की स्थिति, आवश्यकता और राशि की उपलब्धता की भी गहन समीक्षा की। मंत्री पटेल ने प्रधानमंत्री जन-मन योजना में कवर न हो पाने और छूटने वाले वन ग्रामों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-जू में अनुभूति शिविर का आयोजन
भोपाल
वन विभाग द्वारा अनुभूति कार्यक्रम के अंतर्गत वन, वन्यप्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के उद्देश्य से ईको पर्यटन विकास बोर्ड के समन्वय से आयोजित प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 11 जनवरी को प्रथम शिविर आयोजित किया गया। जिसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नाथूबरखेडा भोपाल के 84 विद्यार्थियों एवं 04 विद्यालयीन स्टाफ सहित कुल 88 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
अनुभूति कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर के रूप में ए.के. खरे, सेवा निवृत उप वन संरक्षक डॉ. एस.आर वाघमारे, सेवा निवृत उप वन संरक्षक उपस्थित रहे। कैम्प का संचालन सहायक संचालक वन विहार एस.के. सिन्हा ने किया। विजय नंदवंशी बायोलॉजिस्ट एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
शिविर में सम्मिलित हुये प्रत्येक बच्चे को अनुभूति बैग, केप, पठनीय सामग्री, स्टीकर, पेन, ब्रोशर, वैच प्रदान किये गये। शिविर के प्रारंभ में "मैं भी वाघ' गीत, प्रतिभागियों ने गाया। विद्यार्थियों को पक्षी दर्शन, वन्यप्राणी दर्शन, प्रकृति पथ भ्रमण एवं वन, वन्यप्राणी व पर्यावरण से संबंधित रोचक गतिविधियों कराई गई तथा जानकारी प्रदान कर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया गया। इस अवसर पर राज गौड को कागज की सहायता से सबसे तेजी से बाघ का कटआउट बनाने पर विशेष रूप से पुरस्कार किया गया। स्पॉट क्विज में प्रथम शुभी माली द्वितीय रितिका सिगरोले एवं तृतीय प्रशांत जाटव रहे। विद्यार्थियों को वन्यप्राणियों को कैसे रेस्क्यू किया जाता है. इसके सम्बंध में रेस्क्यू वाहन के माध्यम से रेस्क्यू टीम ने अवगत कराया। कार्यक्रम में विश्व प्रकृति निधि भारत की मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की संचालक श्रीमती संगीता सक्सेना ने विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की। शिविर के दौरान छात्र-छात्राओं को औषधीय पौधों सम्बंधी जानकारी म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रदाय किये गये सेम्पल के माध्यम से दी गई। कार्यक्रम के अंत में शिविर में सम्मिलित बच्चों को शपथ दिलाई और पुरस्कार तथा प्रमाण-पत्र वितरण किये गये।