नई दिल्ली। निर्भया मामले में केंद्र सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 7 फरवरी को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सरकार का कहना है कि जिन दोषियों के कानूनी राहत के विकल्प खत्म हो गए हैं, उनकी फांसी की सजा पर अमल हो। इस संबंध में 5 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी पर नही लटकाया जा सकता।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि निर्भया के गुनहगार कानून का दुरुपयोग कर देर कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने निर्भया के दोषियों को सात दिनों के अंदर कानूनी विकल्प आजमाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि डेथ वारंट काफी पहले जारी हो जाना चाहिए था। जेल प्रशासन ने ढिलाई की ।