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अब मालदीव की विपक्षी पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फैयाज इस्माइल ने बड़ा बयान दिया, मालदीव सरकार को घेरते हुए और कड़ा रुख अपनाने की मांग की

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नई दिल्ली
भारत और मालदीव के बीच कई दिनों से तनावपूर्ण माहौल है। मालदीव की मुइज्जू सरकार को उनके मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद बैकफुट पर जाना पड़ा और तीन मिनिस्टर्स को सस्पेंड करना पड़ा। अब मालदीव की विपक्षी पार्टी और मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फैयाज इस्माइल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपनी ही मालदीव सरकार को घेरते हुए और कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। इस्माइल का कहना है कि यह मामला अब काफी आगे बढ़ गया है और अब दोनों देशों की आम जनता तक पहुंच गया।

मालदीव के विपक्षी नेता फैयाज इस्माइल ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि सरकार को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए क्योंकि यह सरकार से सरकार तक जाता है। अब, सोशल मीडिया की आसान पहुंच हो गई है और इसी वजह से यह मामला बहुत सारे भारतीयों और बहुत सारे मालदीवियों तक पहुंच गया है। कई सारी अपमानजनक टिप्पणियां सामने आई हैं। ऐसे में सरकार को यह दिखाने की जरूरत है कि सरकार की ओर से ऐसा कोई इरादा नहीं था। यह केवल इन लोगों की अलग-अलग व्यक्तिगत राय थीं, जो दुर्भाग्यपू्र्ण रूप से दी गईं। इसे भारतीयों, मालदीव और बड़े पैमाने पर पूरी दुनिया को स्पष्ट रूप से दिखाने की जरूरत है।

लंबे समय से बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक मालदीव छुट्टियां बिताने जाते रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होने से मालदीव के पर्यटन पर भी बड़ा असर पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव के भी कई ट्रेंड देखे गए। इसको लेकर मालदीव के विपक्षी नेता इस्माइल से पूछा गया कि क्या इससे दोनों देशों के संबंधों और राजस्व पर भी असर पड़ेगा? इस पर उन्होंने बताया कि यह मामला सिर्फ आर्थिक या राजस्व से जुड़ा नहीं है, बल्कि उससे भी अधिक हो चुका है।

उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव के बीच इस रिश्ते को बहुत परिपक्व नेताओं, हमारे देश के पूर्व नेताओं और आपके द्वारा भी लंबे समय से बढ़ावा दिया जाता रहा है। इसलिए सिर्फ एक या दो ट्वीट की वजह से दोनों देशों के बीच पूरे रिश्ते को पटरी से उतारना बहुत दुखद है। उन्होंने आगे कहा, "तो, मेरे लिए, मुख्य समस्या यह है कि यह सरकारों से परे चला गया है। सरकारों में हमेशा झगड़े होते रहेंगे, जाहिर है, राजनीतिक दलों के बदलाव के साथ, चाहे वह भारत में हो या मालदीव में, मतभेद होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इस बात की अधिक चिंता है कि रिश्ते को कैसे ठीक किया जाए क्योंकि भारत और मालदीव के बीच चल रहा विवाद अब लोगों तक पहुंच गया है।

उन्होंने बताया, "लेकिन अब यह लोगों तक पहुंच गया है, और यह ऐसी चीज है जिसके बारे में मैं अधिक चिंतित हूं – इसे कैसे ठीक किया जाए। इसलिए हमारी ओर से इसे ठीक करने के लिए, हमारी सरकार को इस पर एक मजबूत बयान या कार्रवाई करनी होगी। और मैं मुझे भारतीय लोगों से उम्मीद है कि इसे फैलाने की कोशिश करने के लिए और अधिक संयम बरता जाएगा।'' मालदीव को भारत द्वारा प्रदान की गई सहायता के संदर्भ में, उन्होंने कहा, "हां, भारत न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक विकास के मामले में भी मालदीव का एक बहुत मजबूत विकास भागीदार रहा है। यह एक ऐसा रिश्ता है जो पारस्परिक है।"

 

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