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दिन में सोने के प्रभाव को समझें और सावधानी बरतें

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एक हेल्दी लाइफ जीने के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी है, ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंसान को एक दिन में कम से कम 8 घंटे जरूर सोना चाहिए. अगर कम नींद लेंगे तो न सिर्फ मोटापा बढ़ेगा, बल्कि कई तरह के बॉडी फंक्शंस में परेशानी पेश आ सकती है. कई बार ऐसा होता है कि रात को नींद पूरी नहीं होती और इसकी भरपाई के लिए हम दिन में भी झपकी ले लेते हैं, ऐसा करना सही है यै नहीं.

आयुर्वेदिक पद्धिति की मानें को दिन में सोने को सेहत के लिए सही नहीं माना जाता, हालांकि थकावट, सुस्ती और हद से ज्यादा मेहनत करने के बाद हम खुद को रोक नहीं पाते, फिर आराम से बिस्तर, कुर्सी या सोफे पर सो जाते हैं. रिसर्च में साबित हो चुका है कि दिन में सोने से बॉडी कफ बढ़ जाता है. 10 से 15 मिनट की झपकी लेना बुरा नहीं है, लेकिन दिन में गहरी नींद लेकर सोने का बुरा असर हो सकता है.
इन लोगों के लिए दिन में सोना बुरा है

अगर आपको फिट रहना है, साथ ही मेंटल हेल्थ को भी बेहतर रखना है तो दिन में न सोएं.
जो लोग पेट और कमर की चर्बी कम करने के बारे में सोच रहे हैं उन्हें सिर्फ रात में सोना चाहिए.
जो लोग हद से ज्यादा ऑयली, फ्राइड फूड या मैदे से बनी चीजें खाते हैं उन्हें दिन में सोने से बचना चाहिए.
जो लोग नियमित तौर से कप बढ़ने की वजह से परेशान रहते हैं उन्हें भी ऐसा नहीं करना चाहिए.
डायबिटीज, हाइपोथायरॉइड और पीसीओएस बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी दिन में नहीं सोना चाहिए.

ये लोग दिन में नींद ले सकते हैं

जो लोग सफर की वजह से हद से ज्यादा थके हुए हैं उनके लिए दिन में सोना अच्छा है.
जो लोग काफी दुबले-पतले और कमजोर हैं उनके लिए ऐसा करने में कोई दिक्कत नहीं.
अगर किसी गंभीर बीमारी या सर्जरी के बाद डॉक्टर दिन में आराम करने को कहते हैं तो जरूर फॉलो करें.
चाइल्ड डिलिवरी करने वाली महिलाओं को भी आराम की जरूरत होती है, उन्हें दिन भी सोना चाहिए.
10 साल से कम उम्र और 70 साल से ज्यादा उम्र के लोग दिन में आराम कर सकते हैं.

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